दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा कर पूरे देश में बहुतों को चोट दे दी थी. 500 औऱ 1000 के नोट बंद करने की घोषणा से जो लफड़ा हुआ वो आजतक जारी है. खास बात ये है कि अगर आप सोचते हैं कि इस नोटबंदी से सिर्फ हमारी जिंदगी का ही इतिहास भूगोल बदल गया है तो आप गलत हैं. पीएम मोदी की नोटबंदी से एक देश परेशान है. हालत ये है कि इस देश का पीएम भारत सिर्फ ये कहने आ रहा है कि मोदी जी 500 औऱ 1000 के नोट बदल दीजिए प्लीज.
दरअसल नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली इसी हफ्ते अपनी भारत यात्रा पर आ रहे हैं. नेपाल में अभी भी 500 औऱ 1000 के नोट प्रचलन में हैं. चूंकि भारत ये नोट बंद कर चुका है. ऐसे में नेपाल के सामने संकट ये है कि वो इन नोटों का करे तो क्या करे.
नेपाल के प्रधानमंत्री अपनी इस यात्रा में करीब 1000 करोड़ रुपये की कीमत वाले भारत में बंद हो चुके नोटों को बदलने की मांग भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से रखेंगे. कहा जा रहा है कि उनकी यात्रा के मुख्य एजेंडा में ये बात शामिल है कि इन नोटों का आदान प्रदान कैसे हो.
दरअसल नेपाल औऱ भूटान दोनों भारत के पड़ोसी देश हैं. इन दोनों देशों में धड़ल्ले से भारतीय करेंसी इस्तेमाल होती है. हाल ये है कि नोटबंदी ने भारत से ज्यादा नेपाल पर असर डाला है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि नेपाल के प्रधानमंत्री ने अपनी संसद में कहा कि भारत में हुई नोटबंदी का नेपाल की इकानमी पर बहुत असर पड़ा है. उन्होंने संसद को भरोसा दिलाया कि भारतीय नेताओं से उनकी चर्चा हो चुकी है औऱ भारतीय नेताओं ने उनसे इस मुद्दे को हल करने का भरोसा भी दिलाया है.
दरअसल नेपाल में भारतीय रुपये का धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है. भारतीय करेंसी नेपालियों के जीवन का अभिन्न हिस्सा है. ऐसे में भारत में इन नोटों की नोटबंदी नेपाल के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है. दरअसल पिछले साल आरबीआई ने हर नेपाली नागरिक को ये छूट दी थी कि वो 5000 रुपये की कीमत तक बंद हो चुके 500 औऱ 1000 के नोट बदलवा सकते हैं. इसके बावजूद भी नेपाल की इकानमी में करीब 1000 करोड़ बंद हो चुके भारतीय रुपये हैं.
इस समस्या का हल निकालने ही नेपाली पीएम और उनकी पूरी टीम आ रही है. वे कई मुद्दों पर चर्चा तो करेंगे ही लेकिन उनकी सबसे पहली प्राथमिकता 500 और 1000 के नोटों की वापसी की रहेगी. देखना है कि इस मामले का पीएम मोदी क्या हल निकालते हैं. वैसे ये वाकई में बेहद दिलचस्प औऱ अनूठा मामला ही है कि एक देश का पीएम सिर्फ नोट बदलवाने के लिए किसी दूसरे देश के पीएम से मुलाकात करे.