पटना। पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) के डॉक्टरों ने पटना एम्स के चिकित्सकों के साथ हुई कथित बदसलूकी और एफआईआर के खिलाफ विरोध जताते हुए काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन एकजुटता और चिकित्सा क्षेत्र की गरिमा की रक्षा के उद्देश्य से किया गया। पीएमसीएच जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (JDA) के अध्यक्ष डॉ. सत्यम कुमार ने साफ शब्दों में कहा कि अगर जनता का प्रतिनिधि ही डॉक्टरों के साथ दुर्व्यवहार करेगा, तो ऐसे माहौल में सेवा देना संभव नहीं है।

डर के महौल इलाज नहीं कर सकते

डॉ. कुमार ने कहा कि यह विरोध सिर्फ एम्स के डॉक्टरों के साथ नहीं, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय के सम्मान और सुरक्षा के लिए है। उन्होंने कहा आज एम्स में यह हुआ है, कल पीएमसीएच या किसी और सरकारी अस्पताल में भी हो सकता है। हम डॉक्टर हैं, डर के माहौल में मरीज का इलाज नहीं कर सकते।

स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए खतरनाक

एम्स डॉक्टरों पर दर्ज एफआईआर को लेकर पीएमसीएच के डॉक्टरों ने सख्त आपत्ति जताई। उनका कहना है कि एफआईआर में जानबूझकर गंभीर और अनुचित धाराएं लगाई गई हैं, ताकि डॉक्टरों को दबाव में लाया जा सके। यह स्थिति स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए खतरनाक है।

पीएमसीएच के डॉक्टरों ने दी चेतावनी

पीएमसीएच के डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगें जल्द नहीं मानती, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। पहले चरण में कैंडल मार्च निकाला जाएगा और इसके बाद भी समाधान नहीं निकला, तो अस्पताल को बंद कर प्रदर्शन किया जाएगा।

डॉक्टरों को अपमान

डॉक्टरों की प्रमुख मांग है कि एम्स के डॉक्टरों पर दर्ज एफआईआर को अविलंब वापस लिया जाए और ऐसी व्यवस्था बनाई जाए जिससे भविष्य में डॉक्टरों को अपमान और भय का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि जब पहले से ही राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है, ऐसे में डॉक्टरों को भय के वातावरण में काम करने के लिए मजबूर करना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है।