जयपुर। अजमेर 1992 सेक्स स्कैंडल में आज पोक्सो कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है. सभी आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट इस मामले में 20 अगस्त को दोपहर 2 बजे अपना फैसला सुनाएगी. इस बीच, एक आरोपी अभी भी फरार है.
पोक्सो कोर्ट ने आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी, सैयद जमीन हुसैन को अपराध का दोषी पाया. 1992 में आरोपियों ने अजमेर के मशहूर मेयो कॉलेज की 100 से ज्यादा छात्राओं के साथ गैंगरेप किया और उनकी तस्वीरें लेकर उन्हें ब्लैकमेल किया. इस स्कैंडल में 4 आरोपी अपनी सजा काट चुके हैं. कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद पुलिस ने सभी आरोपियों को हिरासत में ले लिया है.
18 आरोपियों का क्या हुआ?
जानकारी के मुताबिक, 32 साल पहले हुए सेक्स स्कैंडल में कुल 18 आरोपी थे. 9 को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है, एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी और एक अन्य पर कोर्ट ने लड़के से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था. कोर्ट ने एक आरोपी को भगोड़ा घोषित किया था. बाकी को आज कोर्ट ने दोषी करार दिया है.
बता दें कि इस मामले में 6 आरोपियों ने इसी साल जुलाई में अपना ट्रायल पूरा कर लिया था. फैसला 8 अगस्त को सुनाया जाना था, लेकिन कोर्ट इस मामले में आज अपना फैसला सुनाएगा.
आरोपी पहुंचे हाईकोर्ट
इस मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए 8 आरोपियों ने डीजे कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की थी. साल 2001 में कोर्ट ने सेक्स स्कैंडल में 4 आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि बाकी चार की सजा बरकरार रखी थी.
चारों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की
ऐसी स्थिति में बाकी चार आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए 2003 में चारों की सजा आजीवन कारावास से घटाकर 10 साल कर दी. चूंकि आरोपी पहले ही 10 साल की जेल की सजा काट चुके थे, इसलिए सभी को जेल से रिहा कर दिया गया.