दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर एक्शन मोड में आ गई है. पुलिस कालिंदी कुंज इलाके में ड्राइव कर रही है और लोगों के आधार कार्ड और दस्तावेजों को चेक कर रही है. पुलिस का कहना है कि गलत पहचान पत्र बनाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. उपराज्यपाल विनय सक्सेना के पत्र के बाद दिल्ली पुलिस ने सभी जिलों की पुलिस को अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर कार्रवाई करने के लिए कहा है.
मंगलवार को दिल्ली LG सचिवालय ने मुख्य सचिव और पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और दो महीने के अंदर दिल्ली से बाहर किया जाए. घुसपैठियों को अवैध रूप से प्राप्त किए गए आधार कार्ड और वोटर कार्ड सहित सरकारी दस्तावेजों को तत्काल रद्द करना चाहिए. अवैध घुसपैठियों को किराए पर घर भी नहीं मिलना चाहिए, और जो लोग किराए पर घर रखते हैं, उन्हें बाहर करना चाहिए.
सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश बॉर्डर पार करते ही लोगों को भारतीय पहचान दी जाती है, जिससे दिल्ली में कई बांग्लादेशी घुसपैठिये रह रहे हैं. ऐसे में उनके दस्तावेजों को पहचानना मुश्किल होता है, इसलिए फर्जी पहचान पत्र बनाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी.
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आदेश में क्या कहा?
दिल्ली एलजी वीके सक्सेना ने 33 मौलाना और हजरत निजामुद्दीन दरगाह से जुड़े मुस्लिम प्रतिनिधियों की मांग पर आदेश जारी किया कि दो महीने का विशेष अभियान चलाया जाए और अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों पर कार्रवाई की जाए. दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए मुस्लिम प्रतिनिधियों ने पहले दिल्ली के उपराज्यपाल और पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा था.
उपराज्यपाल ने क्यों दिया आदेश?
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि शनिवार को हजरत निजामुद्दीन के उलेमाओं और मुस्लिम वर्ग के एक प्रतिनिधिमंडल ने एलजी वीके सक्सेना से मुलाकात की थी. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले की चिंता जताई और हर में घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की. इसके बाद एलजी ने कार्रवाई शुरू की.
घुसपैठियों का मामला चुनाव से पहले चर्चा में आया
दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अवैध घुसपैठियों को दिल्ली से बाहर करने का आदेश आया है, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में सियासत गर्म हो सकती है. इससे पहले बीजेपी ने AAP पर अवैध घुसपैठियों को वोटर्स के रूप में शामिल करने का आरोप लगाया था, जो राजनीतिक बहस को तेज कर दिया था.
2013 में AAP ने कांग्रेस से बाहर से समर्थन लेकर सरकार बनाई. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल की AAP ने जीत हासिल की. AAP ने अब लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने पर पूरा जोर लगा दिया है. जबकि बीजेपी ने 25 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी को फिर से जीतने की कोशिश की है.
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