धीरज दुबे, कोरबा। पी.डी.एफ. फाइल प्रोजेक्ट के लिए सुरक्षा निधि के नाम पर छत्तीसगढ़ में हुए दो सौ करोड़ रूपयों से अधिक के धोखाधड़ी के मामले में सिटी कोतवाली पुलिस ने आल परपस साल्यूशन सिस्टम (एपीएस) नामक नोएडा की निजी कंपनी के एक कथित एजेंट अमित अग्रवाल को आज गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी अमित अग्रवाल के खिलाफ सिटी कोतवाली पुलिस में रामवतार अग्रवाल ने धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। रिपोर्ट में बताया गया था कि नगर का कम्प्यूटर व्यवसायी अमित अग्रवाल आल परपस साल्यूशन सिस्टम (एपीएस) नोएडा का कोरबा में एजेंट है।
उसने आकर्षक आमदनी का प्रलोभन देकर अनेक लोगों से लाखों रूपये निजी कंपनी एपीएस में जमा कराया है। प्रार्थी रामवतार अग्रवाल ने भी कंपनी में दो लाख रूपयों से अधिक राशि जमा की है। इसी बीच आल परपस साल्यूशन सिस्टम (एपीएस)के डायरेक्टर करोड़ो रूपयों की सुरक्षा निधी के साथ लापता हो गया।
कोतवाली पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर राघवेन्द्र सलूजा, अनिकेत श्रीवास्तव, निखिल प्रसाद, (नोएडा) आशीष सिन्हा (बिलासपुर)और कोरबा में कंपनी के कथित एजेंट अमित अग्रवाल के विरुद्ध भादवि की धारा 420, 406, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की थी। अपराध दर्ज होने के बाद से आरोपी अमित अग्रवाल फरार चल रहा था। मंगलवार को सिटी कोतवाली पुलिस ने अमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
उल्लेखनीय है कि आल परपस साल्यूशन सिस्टम (एपीएस) ने पूरे देश में अपना जाल फैला रखा था। छत्तीसगढ़ में रायपुर और बिलासपुर से कंपनी के कारोबार का संचालन किया जा रहा था। यह कंपनी लोगों को विदेशों की किताबे उपलब्ध कराती थी और उन्हें स्कैन कर पीडीएफ फाइल बनवाती थी। इसके एवज में लोगों को आकर्षक परिश्रमिक का पिछले एक वर्ष से भुगतान भी किया जा रहा था।
इस कारोबार में छत्तीसगढ़ के कई नामी गिरामी लोगों ने भी लाखों रूपये लगा रखे थे। यह राशि प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए सुरक्षा निधी के रूप में जमा करायी जाती थी। जून माह के प्रथम सप्ताह में कंपनी के अधिकारी सहसा ही लापता हो गये। बिलासपुर में इस धोखाधड़ी की पहली रिपोर्ट दर्ज की गयी थी।
इसके बाद कंपनी के एक डायरेक्टर आशीष सिन्हा को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आशीष सिन्हा जमानत के अभाव में सेन्ट्रल जेल बिलासपुर में निरूद्ध है। छत्तीसगढ़ में इस कंपनी ने दो सौ करोड़ रूपयों से अधिक की धोखाधड़ी की है। कंपनी के अन्य डायरेक्टर अभी फरार है।
कोरबा में भी अनेक लोग धोखाधड़ी के शिकार हुए है। कोरबा से दो सौ करोड़ रूपयों से अधिक सुरक्षा निधी राशि कंपनी में जमा करायी गयी थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस कंपनी के खिलाफ देश के अन्य राज्यों में भी धोखाधड़ी का अपराध दर्ज है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने पूरे देश में एक हजार करोड़ रूपयों से अधिक की धोखाधड़ी की है।