रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और राजनांदगांव जिलों में सामने आए 5.13 करोड़ रुपये के तेंदूपत्ता घोटाले और 94 लाख रुपये के तेंदूपत्ता गबन मामले के मुख्य आरोपी ठेकेदार सुधीर कुमार मानेक को रविवार सुबह राजनांदगांव कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाना था, लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि दो जिलों के पुलिस अधीक्षकों के हस्तक्षेप के बाद उसे थाने से ही छोड़ दिया गया।

सूत्रों के अनुसार, राजनांदगांव के कोतवाली थाने के प्रभारी पर दबाव बनाकर आरोपी को रिहा कराया गया। इस संबंध में एक ऑडियो सामने आया है जिसमें थानेदार यह स्वीकार करता सुनाई दे रहा है कि “साहब ने फोन कर उसे छोड़ने कहा था।”

पुलिस की संदिग्ध भूमिका

आज सुबह राजनांदगांव की कोतवाली पुलिस ने मानेक को FIR क्रमांक 0305/2025 (दिनांक 19 जून 2025) के तहत गिरफ्तार किया था। उस पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316(2) (आपराधिक विश्वासघात), 316(5) (धोखाधड़ी) और 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप हैं। थानेदार रामेंद्र सिंह उसे कोर्ट में पेश करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन सूत्रों के अनुसार, मोहला-मानपुर के एसपी यशपाल सिंह और राजनांदगांव के एसपी ने उन पर दबाव डालकर आरोपी को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। मानेक की अग्रिम जमानत याचिका छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लंबित है, जिसकी सुनवाई जल्द होने की संभावना है।

वन विभाग और पुलिस की मिलीभगत

तेंदूपत्ता घोटाले में नामजद आरोपी को दो जिलों की पुलिस का संरक्षण मिलना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। खासकर तब, जब छोटे-मोटे चोरी के आरोपियों को भी जेल भेजा जाता है, वहीं 5.13 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी को छोड़ देना पुलिस और वन विभाग की मिलीभगत की ओर इशारा करता है। आरोप है कि मोहला-मानपुर में मानेक ने अपने तीन कर्मचारियों पर नक्सली लेवी का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भिजवाया था। उस मामले में भी पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है।

पेशी और गवाही के नाम पर मिली छूट?

बताया जा रहा है कि पुलिस अधीक्षकों ने थानेदार पर यह कहते हुए दबाव बनाया कि ठेकेदार की एनआईए कोर्ट में पेशी है, इसलिए उसे छोड़ दो। वहीं दूसरी ओर, यह भी चर्चा है कि किसी अन्य मामले में उसकी गवाही होनी थी, इसलिए उसे रिहा कराया गया। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या कोर्ट में पेशी या गवाही के लिए गिरफ्तार किये गए आरोपी को जेल से लाकर पेश नहीं किया जा सकता था?