राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। इंदौर और भोपाल में लागू होने वाले पुलिस कमिश्नर सिस्टम की राह में एक बार फिर से IAS अफसर रोड़ा अटका सकते हैं। IAS अफसरों ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम के लिए तैयार ड्राफ्ट पर आपत्ति जताई है। पावर को लेकर IAS अफसर असहमति जताई है। इसके कारण भोपाल-इंदौर में शुरू होने वाला पुलिस कमिश्नर सिस्टम ड्राफ्ट के फेर में उलझ गया है। 30 नवंबर तक पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की तैयारी थी। हालांकि अब इसमें देरी होगी।
पावर को लेकर IAS अफसर सहमति नहीं जता रहे हैं। कई अधिकारों के हस्तांतरण पर सहमति नहीं बन पा रही है। ड्राफ्ट में सरकार IAS और IPS अफसरों की सहमति चाहती है। IAS अफसरों असहमति के कारण अधिकार हस्तांतरण की सहमति में अब समय लग सकता है। IAS अफसरों के कारण अब इंदौर और भोपाल में लागू होने में इसमें समय लग सकता है।
बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 21 नवंबर रविवार भोपाल -इंदौर में पुलिस-कमिश्नर सिस्टम लागू करने की बात कही थी। सीएम ने इसकी घोषणा करते हुए था कि- बढ़ती आबादी और भौगोलिक विस्तार के कारण कानून-व्यवस्था में पैदा हुईं नई समस्याओं के समाधान और अपराधियों पर बेहतर नियंत्रण के लिए ये सिस्टम लाया जा रहा है।
इसके लागू होने से धारा 144 लगाने, लाठीचार्ज करने से पहले कलेक्टर की अनुमति नहीं लेनी होगी। वह खुद फैसला कर सकेगी। आदतन अपराधियों को सीधे जेल भेज सकेगी। ऐसे अपराधियों की जमानत पर फैसला भी कर सकेगी। धरना-प्रदर्शन की अनुमति भी इन्हीं से मिलेगी। अभी यह सिस्टम 16 राज्यों के 70 शहरों में लागू है।
पुलिस मुख्यालय के ड्राफ्ट में इन पॉवर्स के ट्रांसफर का है जिक्र
- धारा 107 शांति भंग करने का प्रयास
- धारा 116 झगड़ा करना या झगड़े का प्रयास करना
- धारा 144 (शांति भंग होने या आपातकाल से बचाव के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश) 133 पुलिस एक्ट
- मोटरयान अधिनियमएनएसए (राज्य सुरक्षा अधिनियम)
- जिला बदर
- प्रिजनर्स एक्ट
- अनैतिक देह व्यापार अधिनियम
- शासकीय गोपनीय अधिनियम