रोहित कश्यप, मुंगेली। जिला एवं सत्र न्यायाधीश कांता मार्टिन के आत्महत्या मामले में पुलिस को शुरुआती जांच में ऐसा कोई भी सुराग नहीं मिला है, जिससे यह स्पष्ट हो सके आखिर उन्होंने आत्मघाती कदम क्यों उठाया. वहीं लोगों में यह भी चर्चा है कि आज से करीब 10-12 साल पहले भी इसी सरकारी बंगले में एक महिला जज ने भी आत्महत्या कर ली थी.

पुलिस कप्तान अरविंद कुजूर ने इस संबंध में बताया कि 11 बजे करीब उन्हें सूचना मिली कि न्यायाधीश कांता मार्टिन अपने सरकारी बंगले के शयन कक्ष के अंदर हैं. दरवाजा अंदर से बंद है. आवाज देने पर कोई भी जवाब नहीं मिल रहा. इसके बाद वे पुलिस अधिकारियों एवं डॉक्टरों की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर खिड़की खोल कर देखा तो साड़ी के फंदे से जज कांता मार्टिन की लाश पंखे से लटक रही थी, जिसके बाद दरवाजा तोड़कर कमरे के भीतर लटके शव को नीचे उतारा.

उन्होंने कहा कि जांच के दौरान पुलिस को फिलहाल आत्महत्या के पीछे की वजह को लेकर न तो कोई जानकारी मिली है, न कोई सुराग मिला है, और न ही कोई सुसाइड नोट मिला है. जिससे महिला जज के मौत के कारणों का पता चल सके. बहरहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है. वहीं बताया जा रहा है कि महिला जज कांता मार्टिन के पति का डेढ़ वर्ष पहले निधन हुआ था.