रायपुर। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में पूंजीपथरा पुलिस ने रिकार्ड चार दिनों में कोर्ट में चालान पेश किया है. मामले में अपराध दर्ज के दो घंटे बाद ही बालिका की दस्तयाब और आरोपी की गिरफ्तारी हो गई थी. इस त्वरित कार्रवाई पर डीजीपी ने रायगढ़ पुलिस की पीठ थपथपा कर महिला संबंधी अपराधों में इसी प्रकार की त्वरित कार्रवाई के निर्देश सभी पुलिस अधीक्षकों को दिया गया था.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, 30 अक्टूबर को नाबालिग बालिका के परिजन ने पूंजीपथरा थाना अपनी लड़की घर में बिना बताये सुबह से कहीं चले जाने की रिपोर्ट लिखाते हुए पड़ोस के युवक गुड्डू कुमार पर बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की आशंका जताई थी. मामले में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध दर्ज कर थाना प्रभारी टीआई मनीष नागर ने गुम बालिका की पतासाजी के लिये टीम को रवाना किया.

इसी दरम्यान स्टाफ को बालिका पूंजीपथरा गैस गोदाम के सामने बैठी मिली जिसे थाना लेकर आए. बालिका के माता-पिता के समक्ष नाबालिग बालिका संदेही गुड्डू कुमार के बुलावे पर जाना बताई. मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए ग्राम बालागोजी, जिला जमुई, बिहार निवासी आरोपी  गुड्डू कुमार पिता राजेन्द्र पासवान (20 साल) को गिरफ्तार किया, वहीं बालिका के कथन पर मुलाहिजा के बाद प्रकरण में धारा 376 IPC, 6 पाक्सो एक्ट जोड़ा गया.

पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर सीएसपी रायगढ़ अविनाश सिंह ने पूरे केस की मॉनिटरिंग की और महज चार दिनों में आरोपी गुड्डू कुमार पासवान को सजा दिलाने टीआई पूंजीपथरा ने योग्य साक्ष्य जुटाया. इसके बाद मंगलवार को रायगढ़ जिला एवं सत्र न्यायालय में आरोपी के विरूद्ध अभियोग पत्र पेश किया गया है. सीएसपी के मार्गदर्शन पर आगे पूंजीपथरा पुलिस पीड़िता को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से मुआवजा राशि दिलाने में कार्य कर रही है.

शीघ्र न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध

एसपी रायगढ़ संतोष सिंह ने बताया कि रायगढ़ पुलिस दुष्कर्म मामलों में पीड़िता को शीघ्र न्याय दिलाने के लिये प्रतिबद्ध है, उन्होंने बताया कि देश में नाबालिगों के मामलों में पीडितों को जल्द न्याय दिलाए जाने के लिए उद्देश्य से फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया है. ऐसे में हमारी जवाबदेही बढ़ जाती है कि ऐसे मामलों में पुलिस की कार्रवाई किसी भी स्तर में धीमे न पड़े और इन मामलों में ऐसे साक्ष्य न्यायालय में पेश किये जाएं जिससे आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले.