हेमंत शर्मा, इंदौर। इंदौर में महिला अपराध और छोटी बच्चियों के गुमशुदगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसी घटनाओं को रोकने और महिला अपराध पर अंकुश लगाने के लिए इंदौर पुलिस के आला अधिकारियों ने 40 महिलाओं की एक स्पेशल टीम तैयार की है. स्पेशल ड्रेस में महिला अधिकारियों की यह टीम सेंसिटिव इलाकों में तैनात की जाएगी. टीम का काम महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध को रोकना और महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना भी होगा.

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दरअसल, इंदौर में सघन इलाकों और छोटी बस्तियों से नाबालिग बच्चियों के लापता होने की वारदातें लगातार सामने आ रही हैं. ऐसी वारदातों को रोकने के लिए पुलिस ने स्पेशल 40 महिला कमांडो की एक टीम बनाई है. इस टीम की रणनीति एएसपी और डीआईजी ने तय की है. ये महिलाएं मेले, त्योहारों और सघन बस्तियों में तैनात रहेंगी और महिला संबंधी अपराधों को रोकने में पुलिस की मदद करेंगी. टीम में शामिल महिलाएं अपनी स्वेच्छा से पुलिस की मदद करेंगी. महिला कमांडो टीम को स्पेशल ड्रेस और स्पेशल ट्रेनिंग के साथ ही पर्सनल वॉकी टॉकी भी दिए गए हैं. महिला कमांडो की टीम को इस तरह के अपराधों को कैसे नियंत्रित करना है उसकी ट्रेनिंग भी दी गई है.

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शहर में शायद ही कोई ऐसा दिन होता है जब इंदौर में महिला संबंधी अपराध का मामला सामने न आता हो. इन्हीं अपराधों पर लगाम लगाने के लिए इस टीम का गठन किया गया है. आईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने बताया कि महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए सामुदायिक पुलिसिंग के लिए गठित इस टीम का मूल उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा और बस्तियों से लापता हो रही नाबालिगों को समझाना है. यह टीम कम उम्र में भाग रही बच्चियों को ऐसा न करने के लिए जागरूक करेंगी. साथ ही गुड टच बैड टच के बारे में भी जानकारी देंगी. इसके अलावा महिलाओं को समझाएंगी कि यदि उनके खिलाफ कोई अपराध होता है तो वे थाने जाकर कैसे रिपोर्ट करें.

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