धीरज कुमार दुबे
कोरबा। तस्करों की तरकीब के क्या कहने ! पुलिस की नजर ना पड़े, लिहाजा गाड़ी में ही लिखा डाला- भारत सरकार…..आइए बताते हैं, दरअसल मामला क्या है। हुआ यूं कि कोरबा जिले के पाली थाना पुलिस को नुनेरा गांव के ग्रामीणों ने लावारिस हालत में खड़ी मेटाडोर की सूचना दी। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने देखा कि मेटाडोर में कोई नहीं है, पीछे दरवाजे में ताला लगा हुआ हैं। चूंकि मेटाडोर में भारत सरकार लिखा था, लिहाजा गाड़ी को थाने ले आया गया। मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में जैसे ही पुलिस कर्मियों ने मेटाडोर का दरवाजा खोला, आँखें फट पड़ी।
मेटाडोर में पुलिस को 34 बोरियों में गांजा मिला। बताया जा रहा है कि गांजा की बाजार कीमत करीब 50 लाख रूपए है। भारत सरकार लिखी हुई मेटाडोर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन गुजरात का है, जिसका नंबर JG 1D T 0992 है। पुलिस का अंदेशा है कि मेटाडोर में गांजे के परिवहन के दौरान गाड़ी खराब हो गई होगी औऱ पकड़े जाने के डर से वाहन चालक भाग गया होगा।
ग्रामीणों को गांजा की थी आशंका
नुनेरा के ग्रामीणों ने पहले सोचा कि मेटाडोर खराब हो गया होगा औऱ वाहन चालक इसे मैकेनिक की तलाश में गया होगा, लेकिन घंटों तक किसी के नहीं आने के बाद ग्रामीणों ने लावारिस वाहन की सूचना पाली थाना को दी। ग्रामीणों ने गांजा की गंध के आधार पर पहले ही संभावना जता दी थी।
आरोपी कौन ?
इधर पाली पुलिस ने मेटाडोर की जब्ती बना दी है। पुलिस मेटाडोर के नंबर के आधार पर जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है कि आखिर इस वाहन का मालिक कौन हैं? क्या वाहन मालिक तस्करों से मिला है ? मेटाडोर क्या भारत सरकार के किसी उपक्रम में ठेके पर तो नहीं चल रही?