पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिस इलाके में कुछ महीनों पहले सुरक्षा बलों ने दो बड़ी मुठभेड़ों में 25 से अधिक नक्सलियों को ढेर किया था, अब उसी क्षेत्र में गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा अपनी टीम के साथ पहुंचे। एसपी ने नक्सल प्रभावित मटाल और राजाडेरा गांवों में ग्रामीणों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और राहत सामग्री वितरित की।

दरअसल, कम्युनिटी पुलिसिंग कार्यक्रम के अंतर्गत गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा अपनी टीम के साथ आज मैनपुर थाना क्षेत्रांतर्गत नक्सल प्रभावित ग्राम मटाल एवं राजाडेरा के ग्रामीणों के बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुने। गांव के बच्चों, प्रमुखों एवं महिलाओं से बातचीत की। बातचीत के दौरान वहां के लोगों द्वारा मूलभूत सुविधाएं — बिजली, पानी, स्कूल, भवन आदि के संबंध में समस्या पुलिस अधीक्षक के समक्ष रखी गई। पुलिस अधीक्षक द्वारा संबंधित विभाग के प्रमुखों से बात कर शीघ्र मूलभूत सुविधाएं दिलाए जाने के संबंध में आश्वासन दिया गया। कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों को स्कूल बैग, चॉकलेट, बिस्किट एवं ग्रामीणों को साल एवं साड़ी वितरण किया गया।

कार्यक्रम के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मैनपुर के डॉक्टर चमन कंड्रा की टीम द्वारा ग्रामीणों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा दवाइयां वितरित की गईं। उपस्थित स्थानीय ग्रामीणों ने इस कैंप का लाभ उठाया।

शासन की आत्मसमर्पण नीति के तहत जो नक्सली अपने परिवार एवं समाज से बिछड़ कर हिंसा को अपनाए हैं, उन सभी माओवादियों के साथ क्षेत्र के सक्रिय नक्सलियों के लिए आत्मसमर्पण का संदेश ग्रामीणों के माध्यम से दिया गया है। आत्मसमर्पण की जानकारी के संबंध में गांव में जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं, जिनके माध्यम से क्षेत्र में सक्रिय माओवादी ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे दूरभाष नंबर 94792-27805 के माध्यम से संपर्क कर स्थानीय पुलिस थाना या कैंप में हथियारों के साथ आत्मसमर्पण कर सकते हैं।

इस इलाके में इस साल 26 नक्सली मारे गए

राजा डेरा और मटाल का यही इलाका है जिसे नक्सली सेफ जोन मान रहे थे। एसपी राखेचा की कारगर रणनीति के चलते जनवरी में 10 और अगस्त में 16 नक्सली इसी इलाके में ढेर कर दिए गए। इस मुठभेड़ के बाद 30 नक्सलियों ने सरेंडर भी कर दिया। ओडिशा के सीमावर्ती इलाके में अब 30 से 35 नक्सली सक्रिय हैं पर नेतृत्व के अभाव में जूझ रहे हैं। लगातार पुलिस उन्हें आत्मसमर्पण करने की अपील कर रही है। नक्सल प्रभावित इस इलाके में पहुंची पुलिस ने न केवल वहां के रहवासियों से मुलाकात की, बल्कि उनके माध्यम से शेष बचे नक्सलियों तक अपना संदेश भी पहुंचा दिया है। पहली बार इस इलाके में बड़ा प्रशासनिक अफसर पहुंचा जिसे पाकर ग्रामीण खुश दिखे।