नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर रैली के नाम पर किसानों के दिल्ली में बवाल मचाए जाने का असर अब नजर आने लगा है. एक तरफ दिल्ली की सीमा पर डटे किसान स्वस्फूर्त लौटने लगे हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोग बार्डर पर महीनों से जमा किसानों से जगह खाली करने की मांग करते हुए विरोध-प्रदर्शन करने लगे हैं. इसके साथ ही पुलिस भी अब आंदोलनकारी किसानों को दरकिनार कर रास्तों को खोलने में जुट गई है.

ट्रैक्टर रैली के नाम पर लालकिले में मजहबी झंडा फहराकर गणतंत्र दिवस को दागदार बाने वाले किसानों के खिलाफ अब शासन-प्रशासन सख्त होता नजर आ रहा है. पुलिस कार्रवाई की दहशत में दिल्ली की सीमा पर डटे किसान रतजगा करते रहे. वहीं दूसरी ओर किसान आंदोलन के नाम पर लाल किले में धर्म विशेष का झंडा फहराए जाने से किसानों के साथ कई किसान संगठन भी आहत विरोध-प्रदर्शन से अब दूरी बना ली है. चिल्ला बार्डर पर धरना दे रहे भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने अपना धरना वापस ले लिया है, जिसके साथ ही लोगों की आवाजाही के लिए बार्डर खुल गया है.

सिंघु बार्डर पर दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग का विरोध करते किसान

पंजाब-हरियाणा और दिल्ली की सीमा पर सिंघु बार्डर पर आज भी तनातनी का माहौल नजर आ रहा है. पुलिस ने आंदोलनकारी एक तरफ से दूसरी ओर न जाएं इसके लिए बैरिकेडिंग शुरू कर दी है, जिसके विरोध में प्रदर्शनकारी किसान उतर आएं हैं. वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने भी आंदोलनकारी किसानों के विरोध में प्रदर्शन किया.

किसान नेता राकेश टिकैत के टेंट में नोटिस चस्पा करता पुलिस कर्मी.

उधर उत्तर प्रदेश दिल्ली की सीमा पर गाजियाबाद में डटे किसानों को हटाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस जुट गई है. बताया जा रहा है कि मेरठ रेंज से भारी फोर्स यहां आ चुकी है. लखनऊ से किसानों को हटाए जाने के मिले संकेतों के बाद एडीजी जोन, आईजी रेंज सहित कई अधिकारियों की मीटिंग जारी है. यूपी गेट पर डटे भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से पूछताछ करने के लिए गाजीपुर थाने की पुलिस पहुंची है. इस बीच दिल्ली पुलिस ने उसके टेंट पर नोटिस लगाया गया है.

गृहमंत्री ने की घायल जवानों से मुलाकात

गणतंत्र दिवस पर आंदोलनकारी किसानों द्वारा की गई मारपीट से घायल हुए किसानों से मुलाकात करने गृहमंत्री अमित शाह अस्पताल पहुंचे.  घायल पुलिस कर्मियों से मुलाकात कर गृहमंत्री ने उनका कुशलक्षेम पूछा. इस दौरान दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर और पुलिस कमिश्नर मौजूद थे. बता दें कि किसानों के बवाल की वजह से दिल्ली पुलिस के 394 जवान घायल हुए हैं.