अमृतसर. पंजाब पुलिस खालिस्तान समर्थक नेता और सांसद अमृतपाल सिंह के सात साथियों को डिब्रूगढ़ जेल से पंजाब लाने की तैयारियों में जुटी हुई थी। आखिरकार इन सभी कैदियों को गुरुवार को पंजाब स्थानांतरित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई।

सुरक्षा व्यवस्था के बीच कैदियों को पंजाब भेजा गया

कानूनी औपचारिकताओं के पूरा होने के बाद, सोमवार से डिब्रूगढ़ में हिरासत में रखे गए सात खालिस्तान समर्थकों को 25 सदस्यीय पुलिस टीम की निगरानी में पंजाब भेजा गया। दोपहर में सभी कैदियों को लेकर विमान पंजाब के लिए रवाना हुआ। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस अधिकारियों ने अमृतपाल के साथियों को दो समूहों में हवाई अड्डे पहुंचाया। पहले तीन कैदियों को एक वाहन से ले जाया गया, उसके बाद चार अन्य कैदियों को अलग से एयरपोर्ट पहुंचाया गया।

मेडिकल जांच और ट्रांजिट रिमांड की प्रक्रिया

गौरतलब है कि पंजाब पुलिस ने बुधवार को असम मेडिकल कॉलेज में कैदियों की चिकित्सीय जांच करवाई और फिर डिब्रूगढ़ की न्यायालय में पेश कर ट्रांजिट रिमांड की अर्जी दाखिल की। इसके बाद उन्हें डिब्रूगढ़ सदर थाने में रखा गया था।

कौन-कौन से कैदी पंजाब लाए जा रहे हैं ?

पंजाब लाए जा रहे सात कैदियों में बसंत सिंह, भगवंत सिंह उर्फ प्रधानमंत्री बाजेके, गुरमीत सिंह बुक्कनवाल, दलजीत सिंह कलसी, गुरिंदरपाल सिंह उर्फ गुरी औजला और हरजीत सिंह उर्फ चाचा कुलवंत रोके शामिल हैं। इनमें कुलवंत सिंह, अमृतपाल के चाचा हैं।

अमृतपाल और दो अन्य साथियों पर अभी निर्णय नहीं

यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब पंजाब सरकार ने खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह के साथियों के खिलाफ लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की अवधि न बढ़ाने का फैसला किया, जिसकी मियाद 19 मार्च को समाप्त हो गई थी। हालांकि, अमृतपाल सिंह और उनके दो अन्य साथियों को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसी स्थिति में उन्हें फिलहाल डिब्रूगढ़ की केंद्रीय जेल में ही रहना होगा।

गौर करने वाली बात यह है कि ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके नौ साथियों को अप्रैल 2023 से डिब्रूगढ़ केंद्रीय जेल में रखा गया है। फरवरी 2023 में अजनाला पुलिस थाने पर हुए हमले में कथित संलिप्तता के चलते उन्हें अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में बंद हैं।