पूर्णिया। जिले के फणीश्वरनाथ रेणु टीओपी (छोटी पुलिस चौकी) की थानेदार शबाना आजमी इन दिनों एक वायरल पोस्ट को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट के साथ दो तस्वीरें शेयर की थीं, जिनमें एक तस्वीर में उनके बुजुर्ग पिता और दादा उनकी सरकारी कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में वह उन्हें बुके भेंट कर रही हैं।

विवाद भी खड़ा हो गया

फोटो के साथ शबाना ने लिखा था, जब मां-बाप की आंखों में खुशी देखनी हो, तब सपने सिर्फ खुद के लिए नहीं होते, विरासत बनानी है नाम रोशन करना है और एक ऐसी कहानी छोड़नी है, जो दुनिया याद रखे। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई, लेकिन विवाद भी खड़ा हो गया।

पोस्ट हटा दिया

पोस्ट के वायरल होते ही कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इसे पुलिस मैनुअल एक्ट का उल्लंघन बताया। लोगों ने सवाल उठाए कि एक पुलिस अधिकारी द्वारा अपनी ड्यूटी कुर्सी पर परिजनों को बैठाना नियमों के खिलाफ है। विवाद बढ़ने पर शबाना आजमी ने यह पोस्ट फेसबुक और इंस्टाग्राम से हटा दी।

जांच के आदेश

मामले के तूल पकड़ने के बाद पूर्णिया रेंज के डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने मामले की जांच के आदेश दिए। हाल ही में एक बड़े केस की जांच की जिम्मेदारी संभाल रहीं शबाना आजमी से यह जिम्मेदारी तत्काल प्रभाव से हटा ली गई है।

क्या बोलीं शबाना आजमी

शबाना आजमी ने कहा अप्रैल में मेरे पिता और दादा पहली बार मुझसे मिलने फणीश्वरनाथ रेणु टीओपी आए थे। मैं उन्हें देखकर भावुक हो गई थी। आज जो कुछ भी हूं, उन्हीं की बदौलत हूं। इसलिए मैंने उन्हें सम्मान स्वरूप अपनी कुर्सी पर बैठाया और फोटो खिंचवाई। उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्होंने यह पोस्ट की थी, तब लोगों ने इसे सराहा था और करीब 20 यूजर्स ने शेयर भी किया था। लेकिन जैसे ही विवाद खड़ा हुआ, उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दी।