सुप्रिया पांडेय, रायपुर। पुलिस स्मृति दिवस पर परेड का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शहीद जवानों को याद किया. उन्होंने कहा कि अपने बहादुर साथियों की याद में भावुक होने का दिन है, जो जवान जनता और देश की हिफाज़त के लिए समर्पित होते हैं उनका दर्जा समाज में हमेशा सबसे ऊंचा होता है, छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों के जवानों का त्याग समर्पण कभी नहीं भुलाया जा सकता है. शहीदों और परिवारजनों को नमन करता हूं.
कोरोना काल में जवानों ने प्राणों की आहुति दी- राज्यपाल
राज्यपाल अनुसुइया उइके बोले कि आज के दिन पुलिस सेवा में शहीद हुए जवानों को याद करने का दिन है, उनको नमन है. पुलिस जवानों ने परित्राणाय साधुनाम को चरितार्थ किया है.
कोविड काल में वायरस के प्रकोप के बावजूद हमारे जवान तैनात थे,जो देखकर मुझे बेहद खुशी हुई, जो जवान संक्रमित हुए,अपने प्राणों की आहुति दी,उन्हें प्रणाम है नमन है. हमारे जवान बड़े साहस के साथ नक्सलवाद का सामना करते हैं. मेरी उम्मीद है कि उन क्षेत्रों के लोग भी समाज की मुख्यधारा में जुड़ सकेंगे. सरकार लगातार इसके लिए प्रयास कर रही है.
छत्तीसगढ़ सरकार सदैव जवानों के साथ खड़ी है-गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू अमर शहीदों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि पुलिस व सुरक्षाबल के जवानों ने विभिन्न नक्सली एवं अन्य वारदातों में अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय देते हुए अपना बलिदान दिया हहै बहादुर शहीद जवानों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं तथा भरोसा दिलाता हूं कि छत्तीसगढ़ सरकार सदैव जवानों के साथ खड़ी है तथा उनकी सहायता के लिए हमेशा तत्पर है. हमारी सरकार ने पुलिस बल को सुरक्षा, सम्मान तथा सुविधाएं देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं
गृहमंत्री ने कहा है छत्तीसगढ़ राज्य के वनांचल जिले नक्सल प्रभावित हैं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हमारे जवान 24 घंटे जनता की सुरक्षा में अत्यंत सूझबूझ एवं साहस के साथ नक्सलियों का सामना करते है, उनके बदौलत ही हम अमन और चैन से रहते हैं. हाल में छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादी लगातार आत्म समर्पण कर रहे हैं, परिणाम स्वरूप नक्सली घटनाओं में 47 प्रतिशत की कमी आई है.
बता दें कि लद्दाख में चीनी फौज के साथ 21 अक्टूबर 1959 को हुई मुठभेड़ का अध्याय सुरक्षा बलों के शौर्य और पराक्रम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है. उस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के वीर जवानों की शहादत की याद में हर साल 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है.