रायपुर. पुलिस के परिजनों द्वारा आगामी 25 जून को राजधानी में महाधरना किये जाने के ऐलान के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है. इस ऐलान के बाद शासन-प्रशासन ने अपने-अपने स्तर पर इस आन्दोलन को वापस लेने दवाब बनाना शुरू कर दिया है. कई जिलों के एसपी ने पुलिसकर्मियों को नोटिस भी जारी कर दिया है.

डीजीपी एएन उपाध्याय पुलिस कर्मियों के आंदोलन के मुद्दे पर सामने आये है. उन्होंने पुलिस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस लेकर आन्दोलन को गलत ठहराया है. उपाध्याय ने पुलिसकर्मियों से अपील की है कि अपने परिवार को इस आंदोलन से दूर रखें.

डीजीपी ने कहा कि विभिन्न माध्यमों से जानकारी मिल रही है कि कई जिलों में पुलिस जवान के परिजन रैली और धरना किये जाने की सूचना दे रहे है. ये मामला पुलिस परिवार से जुड़ा हुआ है. इसलिए मुझे सामने आना पड़ा है. उपाध्याय ने कहा कि पुलिस की सबसे बड़ी शक्ति उसका अनुशासन है. पुलिस का काम है कानून व्यवस्था बनाना और कानून भंग करने वालो के​ खिलाफ कार्रवाई करना. ऐसे में यदि पुलिस बल में ही अनुशासन नहीं रहेगा, तो उसे अधिकार नहीं होगा कि वह लोगों से अनुशासन का पालन करवा सके.

डीजीपी उपाध्याय का कहना है कि पुलिस बल में अनुशासन सबसे जरूरी अंग है. जो भी सरकारी कर्मचारी है. उसका दायित्व है कि वह अपने परिवार को ऐसे किसी भी आंदोलन से दूर रखे. मुझे खुशी है कि हमारे पुलिस अधिकारी पूरे अनुशासन में है, लेकिन कुछ सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी हैं, जो पुलिसकर्मियों के परिजनों को उकसा रहे है. उन लोगों के उकसाने में आकर कर्मचारी अनुशासन की अवहेलना कर रहे हैं.

डीजीपी ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि जितने लोग भी बहकाने की कार्रवाई कर रहे हैं, वे अपने निहित स्वार्थ में कर रहे हैं. मुझे जानकारी है ये लोग कभी पुलिस की भलाई का काम नहीं कर रहे हैं. मैं बताना चाहूंगा कि 18 साल में सरकार ने पुलिस को जो दिया. वह किसी आंदोलन प्रदर्शन की वजह से नहीं दिया. पुलिस की आवश्यकताओं के लिए एक चैनल है. किसी ने कभी सुना होगा कि पुलिस भत्ता किसी आंदोलन का वजह से बढ़ा है.

पिछले 18 साल में पुलिस बल को जिस जिस चीज की जरूरत पड़ी है, उसे शासन और सरकार ने पूरा किया है. इतने बड़े बल के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता थी. जिसकी व्यवस्था सरकार की ओर से की गई. प्रदेश में नक्सल क्षेत्र के लिए अलग से बटालियन बनाया गया है. उपाध्याय ने कहा कि मेरी जानकारी में 15 साल में किसी भी राज्य सरकार ने तीन गुना बल नहीं बढ़ाया है. नक्सल क्षेत्रों में पदस्थ कुछ थानों के जवानों का भत्ता भी बढ़ाया गया है. पुलिस के उमंग उत्साह को बढ़ाने के लिए हमारे मुख्यमंत्री जब ग्राम सुराज में जाते हैं तो वे किस न किसी पुलिस के कैम्प में भी जाते हैं.