पंजाब की जेलों में कैदियों और संदिग्ध गतिविधियों पर पुलिस की अब सीधी नजर रहेगी। अगर कोई भी हरकत होती है तो इस संबंध में पुलिस को तुरंत अलर्ट मिलेगा।

इसके बाद पुलिस समय रहते उसे रोकने की दिशा में उचित कदम उठा पाएगी। यह संभव होने जा रहा है पंजाब की जेलों के सुरक्षा चक्र को मजबूत करने के प्रोजेक्ट से।

इसके तहत अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रोजेक्ट पर पुलिस ने काम शुरू कर दिया है। प्रोजेक्ट अगले साल अप्रैल तक पूरा हो जाएगा।

प्रोजेक्ट निजी कंपनी के सहयोग से आगे बढ़ेगा, जबकि पुलिस इसमें नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी। प्रोजेक्ट कामयाब रहा तो इसे पुलिस से जुड़े अन्य प्रोजेक्टों में भी लागू किया जाएगा। सूबे की जेलों में कई खूंखार कैदी व गैंगस्टर बंद हैं। उन पर नजर रखना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

इसके अलावा जेलों में आए दिन फोन, नशा और अन्य सामान मिलने की घटनाओं ने भी पुलिस की सिरदर्दी बढ़ाई हुई है। ऐसे में पुलिस के थिंक टैंक ने एआई से लैस कैमरे लगाने की रणनीति बनाई है। इस दौरान उन राज्यों के मॉडल की भी स्टडी की गई, जो इस सिस्टम के साथ काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत खासकर रात के समय अगर निषिद्ध क्षेत्र में कोई भी अनचाही गतिविधि होगी या किसी व्यक्ति का मूवमेंट होगा तो कैमरा उसे नोटिस करेगा और बीप की आवाज आने लगेगी।


यह विशेषता है इन कैमरों की


राज्य की जेलों में पहले से सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। हालांकि गत समय में हो रही गतिविधियों के चलते अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस कैमरे लगाने का फैसला लिया गया है। इनकी सबसे विशेष बात यह है कि आम कैमरों में रात को लाइट पड़ने पर रिकॉर्डिंग खराब हो जाती है जबकि यह कैमरे मूवमेंट के हिसाब से चलते हैं। गाड़ियों के नंबर और चेहरों को एकदम से पहचान सकते हैं और फोन पर अलर्ट देने में भी सक्षम हैं। इसके अलावा मूवमेंट पहचान में सक्षम है। यह आवाज से लेकर अन्य चीजों को कैच करने में सक्षम भी हैं।