करण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार में पुलिसिया सिस्टम पर एक राजनीति पार्टी को भरोसा नहीं है। उस पार्टी ने खुद अपनी पुलिस व्यवस्था बना ली है। सरकारी पुलिस की तरह वर्दी और स्टॉर के साथ थ्री स्टार से लेकर सिपाही तक की नियुक्ति कर दी है। अब मामले को लेकर प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर बीजेपी को कठघरे में लिया है। इस मामले में केंद्रीय कृषि मंत्री नेरंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि शिवराज सरकार में कानून राज है बरकरार। संविधान के अनुसार कानून अपना काम कर रहा है।
दरअसल मध्य प्रदेश के सीधी जिले में बहुजन समाज पार्टी ने अपनी खुद की बहुजन सुरक्षा पुलिस मैदान में उतारी है। उन्होंने बाकायदा थ्री स्टार और टू स्टार वर्दीधारी के साथ ही सिपाहियों की भी नियुक्ति की है। इस तस्वीर के सामने आने के बाद इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने इस मामले को भुनाते हुए शिवराज सरकार को घेरने का प्रयास किया है। कांग्रेस का आरोप है कि मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को सुरक्षा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। शिवराज सरकार उन्हें सुरक्षा देने में पूरी तरह फैल हो गयी है। यही वजह है कि बहुजन समाज पार्टी को अपनी खुद की पुलिस तैयार करना पड़ रही है।
हालांकि कॉंग्रेस ने बीएसपी के इस कदम को असंवैधानिक कृत्य बताया है। साथ ही इस तस्वीर को प्रदेश में एक गहरा संवैधानिक संकट भी बताया है। कांग्रेस ने मांग की है कि देश के प्रधानमंत्री के साथ राष्ट्रपति को भी तत्काल इन हालातों पर संज्ञान लेना चाहिए।वहीं बीएसपी द्वारा बहुजन सुरक्षा पुलिस के गठन पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का कहना है कि उन्हें यह तो पता नही है कि बीएसपी ने अपनी पुलिस बनाई है। उन्होंने अपने बयान के जरिये बीएसपी सहित अन्य राजनीतिक दलों को जरूर सख्त संदेश दिया है कि प्रदेश में लोगों की सुरक्षा के लिए किसी अन्य पार्टी के सहयोग की कोई जरूरत भी नही है।
उन्होंने बहुजन सुरक्षा पुलिस को लेकर भी कहा है कि यहां सिर्फ मध्यप्रदेश की पुलिस हो सकती है। किसी भी राजनीतिक दल की पुलिस कैसे हो सकती है। मंत्री तोमर ने यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी राजनीतिक दल अपना कोई भी कार्यक्रम चलाएं यह अलग बात है। लेकिन मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है, यहां कानून का राज कायम है और सरकार जन कल्याण के लिए काम कर रही है। इसलिए किसी दूसरी राजनीतिक पार्टी को सहयोग करने की जरूरत नहीं है। बहरहाल इस मामले पर कांग्रेस के आरोप और प्रधानमंत्री सहित राष्ट्रपति से दखल करने की गुहार के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री के इस सख्त लहजे के चलते बीएसपी सहित अन्य राजनीतिक दलों का क्या रुख होगा, आने वाले वक्त बताएगा।