कुमार इंदर,जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने साल 2017-18 में पुलिस भर्ती में आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस अभ्यर्थियों को उनके पसंद के हिसाब से पोस्टिंग के आदेश दिए है. हाईकोर्ट ने कहा कि दो महीने के अंदर आरक्षकों को उनकी पसंद के हिसाब से पोस्टिंग दी जाए. दरअसल आरक्षित वर्ग के मेरिटोरियस अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में चयनित करते हुए SAF बटालियनों में पदस्थापना दी गई थी, जबकि उनसे कम नंबर लाने वाले अभ्यर्थियों को उनकी पसंद के अनुसार जिला पुलिस बल, क्राइम ब्रान्च आदि में पदस्थापना की गई है.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन्द्रशाहनी और रमेश राम के प्रकरण में दिए फैसले के अनुसार यदि आरक्षित वर्ग का अभ्यर्थी मेरिट के आधार पर अनारक्षित वर्ग में चयनित होता है, तो उसे उसकी पसंद के आधार पर पदस्थापना दिए जाने का नियम है. इसी बात को लेकर करीब 50 आरक्षकों की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसकी प्रारंभिक सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति मनिन्दर सिंह भट्टी की कोर्ट ने द्वारा उक्त याचिका डिस्पोजाफ़ करते हुए डीजीपी और एडीजीपी (चयन) पुलिस मुख्यालय भोपाल को आदेश दिए गए हैं. याचिकाकर्ताओं के प्रकरण को समानता के आधार पर 60 दिन के अंदर निराकृत करे. पात्रता पाए जाने पर उनकी पसंद के अनुसार पोस्टिंग दी जाए.
सिविल जज और ADJ की भर्ती मामले की सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा की जाने वाली सिविल जज और ADJ की भर्ती को पारदर्शी बनाए जाने के लिए दायर जनहित याचिका पर जस्टिस शील नागू एवम जस्टिस वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने आज सुनवाई की. अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद तय की गई है. याचिकाकर्ता की मांग है कि प्रत्येक चयनित अभ्यर्थी की उत्तर पुस्तिका का सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार सार्वजनिक किया जाना लोकहित में जरूरी है. ताकि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो सके. याचिका में पिछली भर्ती में भेदभाव पूर्ण चयन किए जाने का भी आरोप है.
हाईकोर्ट द्वारा नियम विरुद्ध प्रक्रिया अपनाकर आरक्षित वर्ग के सैकड़ों पदों को नाट फार सूटेवल के नियम को आधार मानकर रिक्त छोड़ दिए गए है. जिन अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में 80% से 95% तक अंक मिले थे, उन्हें साक्षात्कार में फेल कर दिया गया है. साक्षात्कार में कुल अंक 50 निर्धारित होते है. जिसमें से अभ्यर्थी को पास होने के लिए कम से कम 20 अंक प्राप्त करना होता है. उक्त नियम को याचिका में मन माना और भेदभाव पूर्ण बताया गया है.
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