हेमंत शर्मा,रायपुर। न्यायाधीश सुमित कपूर की कोर्ट में लगी आवेदन पर पुलिस को कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने डीकेएस अस्पताल घोटाला मामले में पंजाब नेशनल बैंक के डीजीएम सुनील अग्रवाल को अपने रिमांड पर लिया है. अग्रवाल को 23 मई तक पुलिस रिमांड में लेकर पूछताछ करेगी. लेकिन पुलिस को कुछ नियम शर्तों के आधार पर रिमांड मिली है. जिससे सख्ती नहीं बरती जाएगी, पहले उनका मेडिकल चेकअप कराया जाएगा. फिर पुलिस पूछताछ करेगी.

अब पुलिस को सुनील अग्रवाल से पूछताछ में डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ कई सुराग मिल सकते हैं. जिससे पुलिस पूछताछ के बाद कई खुलासे कर सकती है. बता दें कि पुलिस ने पुनीत गुप्ता को नोटिस भेजकर कई बार पूछताछ की, लेकिन वो दस्तावेज को देखकर ही जबाव देने की बात कहते हुए हर बार जवाब देने से बचते रहे हैं.

रिमांड को लेकर पुलिस का कहना है कि गोलबाजार थाने में पंजीबद्ध अपराध में तत्कलीन एजीएम सुनील अग्रवाल की दिल्ली से गिरफ्तारी की गई थी. आज संबंधित न्यायालय में वो पेश हुए है. हम लोगों के द्वारा पुलिस रिमांड की मांग की गई थी जिस पर तीन दिन का पुलिस रिमांड दिया गया है. विवेचना में बहुत सारी पूछताछ करनी है उसके लिए रिमांड लिया गया है. पूछताछ के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. पहले भी पीएनबी से कुछ दस्तावेज हमने लिए थे अगर कोई और दसतावेज मिलेंगे तो उसे जब्त किया जाएगा.

पुलिस रिमांड में लेने के बाद तत्कालीन एजीएम सुनील अग्रवाल ने कहा कि मुझे फंसाया जा रहा, लेकिन न्यायालय पर मुझे पूरा भरोसा है. मैंने पुलिस का पूरा सहयोग किया है आगे भी जांच में सहयोग करूँगा.

पंजाब नेशनल बैंक के वकील सचिन सिंह राजपूत ने बताया कि मेरे पक्षकार सुनील अग्रवाल जो कि पंजाब नेशनल बैंक उप महाप्रबंधक है. उनके विरुद्ध गोलबाजार थाने में अपराध क्रमांक 70/19 के अंतर्गत धारा 420 ,409,467,468 के तहत उन्हें दिल्ली से 16 मई को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद दिल्ली की कोर्ट में उनको प्रस्तुत किया गया. कोर्ट द्वारा छग पुलिस के ट्रांजिट रिमांड को मना कर दिया था. फिर सुनील अग्रवाल को कंडीशन के साथ ट्रांजिट बेल दी गई थी और कोर्ट ने कहा था वो 20 को रायपुर में पेश हो. उसी के तहत सुनिल अग्रवाल आज अतिरिक्त न्यायाधीश की कोर्ट में पेश हुए. उनके द्वारा एक आवेदन धारा 437 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत नियमित जमानत देने के लिए प्रस्तुत किया गया. पुलिस के द्वारा उन्हें इन्वेस्टिगेशन के लिए रिमांड पर लेने के लिए आवेदन दिया गया था. न्यायालय द्वारा दोनों तथ्यों को सुनने के बाद पुलिस को तीन दिन का रिमांड दिया है. तथा निर्देशित किया गया है कि उनका मेडिकल परीक्षण कराया जाएगा और जब वे फिर न्यायालय के सामने प्रस्तुत करेंगे तब भी मेडिकल चेकअप कराना होगा. किसी प्रकार की उनको शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना नहीं दी जाएगी.

न्यायालय ने यह पाया कि पुलिस रिमांड दिया जा रहा है इसलिए वर्तमान स्थिति को देखते हुए जमानत आवेदन को निरस्त कर दिया. हमारे तरफ से यह कहा गया कि दिल्ली की कोर्ट से ट्रांजिट बेल मिल गई है और हमने कानून का पालन किया है. जांच में भी सहयोग किया है. यह सब बाते न्यायालय में रखी गई है. न्यायालय वे आदेश में यह पाया गया है कि प्रथम बार यहां उपस्थित हुए पुलिस को एक फर्दर इन्वेस्टिगेशन करने के लिए प्रथम रिमांड दिया है.

बता दें कि सुमित कपूर की कोर्ट में सुबह 11.30 बजे सुनील अग्रवाल की सुनवाई हुई. इस मामले में गोलबाजार थाना पुलिस कोर्ट पहुंची थी. पांच दिन की पुलिस रिमांड लेने के लिए रायपुर एसआईटी ने आवेदन प्रस्तुत किया था. अब न्यायधीश सुमित कपूर की कोर्ट में पुलिस रिमांड की आवेदन पर सुनवाई करते हुए 23 मई तक रिमांड पर लेने के इजाजत मिल गई है.

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गौरतलब है कि पीएनबी के तत्कालीन एजीएम सुनील अग्रवाल पर फर्जी तरीके से बैंकिंग प्रकिया पूरी कर डॉ. गुप्ता को करोड़ों रुपये उपलब्ध कराने का आरोप है. फर्जी दस्तावेजों के जरिए डॉ. गुप्ता को पीएनबी से लोन स्वीकृत हुआ था, जिसमें सुनील अग्रवाल ने मदद की थी. बता दें कि 65 करोड़ के लोन की इस रकम के एवज में डीकेएस सरकारी अस्पताल पीएनबी की बंधक प्रॉपर्टी है.