ग्रेटर नोएडा के सेक्टर अल्फा-2 की गोल्फ विस्टा अपार्टमेंट सोसाइटी से करीब 10 दिन पहले लापता हुए रेलवे ठेकेदार की हत्या के मामले का खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस हत्या के आरोप में दिल्ली पुलिस के निलंबित सिपाही को गिरफ्तार किया है. पुलिस के अनुसार, सिपाही ने फ्लैट के विवाद के चलते हत्या की योजना बनाई और शव को छिपा दिया. आरोपी की निशानदेही पर शव बरामद किया गया, साथ ही घटना में उपयोग किया गया हथौड़ा और कार भी पुलिस ने जब्त कर ली.
ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान ने शुक्रवार को जानकारी दी कि मृतक अंकुश शर्मा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सेक्टर अल्फा-2 की गोल्फ विस्टा अपार्टमेंट सोसाइटी में रहते थे. अंकुश रेलवे में ठेकेदार के रूप में काम करते थे और साथ ही प्रॉपर्टी डीलिंग का भी व्यवसाय करते थे. 9 अगस्त को वह दोपहर में घर से निकले और फिर वापस नहीं लौटे. परिजनों ने 10 अगस्त को सेक्टर बीटा-2 कोतवाली में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
जांच के दौरान पता चला कि अंकुश आखिरी बार दिल्ली पुलिस के निलंबित सिपाही प्रवीण के साथ देखे गए थे, जो एसकेए सोसाइटी में रहता है. पुलिस ने प्रवीण को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उसने हत्या की बात कबूल की. आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने एलजी गोल चक्कर के पास झाड़ियों से अंकुश का शव बरामद किया.
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पुलिस की जानकारी के अनुसार, आरोपी प्रवीण मूलरूप से मेरठ के मोहल्ला मार्क पुरिया, कस्बा बहसूमा का निवासी है. वह वर्ष 2004 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के रूप में भर्ती हुआ था, लेकिन गैरहाजिर रहने के कारण निलंबित था. प्रवीण ने पूछताछ में बताया कि उसकी मुलाकात अंकुश से प्रॉपर्टी डीलर संचित शर्मा के माध्यम से हुई थी. अंकुश का एसकेए सोसाइटी में एक फ्लैट था, जिसे प्रवीण एक करोड़ बीस लाख रुपये में खरीदने के लिए तैयार हुआ था. प्रवीण ने फ्लैट के लिए 8 लाख रुपये का भुगतान भी किया था और फ्लैट उसके नाम ट्रांसफर हो गया था. लेकिन रजिस्ट्री के समय, अंकुश ने 20 लाख रुपये अतिरिक्त मांगे, जिसे प्रवीण ने देने से मना कर दिया. इस विवाद के बाद प्रवीण ने अंकुश की हत्या की योजना बनाई.
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प्रवीण ने पुलिस को बताया कि उसने ‘दृश्यम’ फिल्म और कुछ वेब सीरीज देखकर हत्या की योजना बनाई. 9 अगस्त को प्रवीण ने अंकुश को फोन कर बुलाया और उसे अपनी कार में बैठाया. उसने अंकुश को नशीला पदार्थ मिलाकर लस्सी पिलाई, जिससे अंकुश बेहोश हो गया. इसके बाद प्रवीण ने उसे अपनी सोसाइटी के बेसमेंट की पार्किंग में ले जाकर हथौड़े से सिर पर वार कर हत्या कर दी. अगले दिन उसने शव को एलजी गोल चक्कर के पास झाड़ियों में छिपा दिया.
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हत्या के बाद, प्रवीण ने पुलिस को भ्रमित करने के लिए अंकुश के मोबाइल का इस्तेमाल किया. उसने अंकुश के वकील को ईमेल भेजा कि उसने पूरा पैसा चुका दिया है और रजिस्ट्री जल्द करवानी है. इसके अलावा, उसने अंकुश की पत्नी और नौकर को मैसेज किया कि वह घर छोड़कर जा रहा है. प्रवीण ने नेपाल की लोकेशन भी गूगल पर सर्च की ताकि पुलिस को लगे कि अंकुश नेपाल चला गया है.
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फॉरेंसिक टीम की जांच में प्रवीण की कार से खून के धब्बे मिले, जो उसने सर्विस स्टेशन पर धोने की कोशिश की थी. इसके अलावा, प्रवीण ने शव को ठिकाने लगाने के लिए स्थान भी पहले से तय कर रखा था. पुलिस ने 10 दिनों की मेहनत के बाद मोबाइल की कॉल डिटेल और 200 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद इस मामले का खुलासा किया.
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