नई दिल्ली. जी-20 बंदोबस्त के नाम पर अदालत की कार्यवाही को चार घंटे प्रभावित करने वाले पुलिसकर्मी के खिलाफ अदालत ने जमानती वारंट जारी किए हैं.

साकेत स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नेहा की अदालत ने कहा कि पुलिसकर्मी न्यायिक प्रक्रिया के प्रति कितने संजीदा हैं, इसका अंदाजा एक आपराधिक मामले की सुनवाई से लगाया जा सकता है. इस मामले के जांच अधिकारी ने सुबह दस बजे कोर्ट रीडर को सूचित किया कि वह जी-20 के बंदोबस्त में लगा है, इसलिए इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में दोपहर दो बजे पेश होगा. अदालत ने मामले की सुनवाई को जरूरी मानते हुए सभी पक्षकारों को दोपहर दो बजे तक इंतजार करने को कहा. इस बीच चार घंटे तक न्यायाधीश, अदालतकर्मी, सरकारी वकील, शिकायतकर्ता, बचाव पक्ष के वकील जांच अधिकारी का इंतजार करते रहे. दो बजे जांच अधिकारी (पुलिसकर्मी) ने कोर्ट रीडर के समक्ष जी-20 की तैयारी का हवाला देते हुए अदालत आने में असमर्थता जताई. अदालत ने पुलिसकर्मी के इस रवैये पर गहरी नाराजगी जताई.

दस हजार के जमानती वारंट जारी अदालत ने अंबेडकर नगर थाने के उक्त पुलिसकर्मी के खिलाफ दस हजार रुपये मूल्य के जमानती वारंट जारी किए हैं. साथ ही दक्षिण जिला पुलिस उपायुक्त को इस आदेश की प्रति भेजने को कहा गया है. पुलिसकर्मी को 11 सितंबर को दोपहर दो बजे पेश होने के लिए कहा गया है.

अग्रिम जमानत पर होनी थी सुनवाई

यह मामला वर्ष 2017 में अंबेडकर नगर थाने में दर्ज किया गया था. एक भाई ने दूसरे भाई पर संपत्ति के कागज दबाने और उनकी जगह फर्जी दस्तावेज बनाकर उसकी संपत्ति अपने नाम करने का आरोप लगाया था. आरोपी भाई ने अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. इस याचिका पर जांच अधिकारी के लापरवाहपूर्ण रवैये के कारण सुनवाई नहीं हो पा रही है. अदालत ने पुलिसकर्मी के रवैये को देखते हुए आरोपी को राहत दी है. अगली सुनवाई तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.