शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण के मामले को लेकर सपाक्स और अजाक्स संगठन आमने-सामने हो गए हैं। मामले को लेकर अजाक्स प्रदेश महासचिव गौतम पाटिल और सपाक्स संयोजक केएस तोमर के अलग अलग राय है। वहीं कांग्रेस ने भी सरकार पर हमला बोला है।

हजारों बैकलॉग पद खत्म हो गए

गौतम पाटिल ने कहा- 2025 में पदोन्नति के नए नियम अजाक्स के हित में नहीं थे। ST/SC के हित में नहीं था, नए नियम फिर भी कर्मचारियों के लिए हमने समर्थन किया। नए नियम में हमारे हजारों बैकलॉग पद खत्म हो गए, उसके बावजूद भी नए नियम को लेकर लोग कोर्ट गए। हर विभाग को अपनी ऑडिट रिपोर्ट देनी चाहिए।

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कोर्ट ने कहा अंतरिम राहत नहीं फैसला आएगा

सपाक्स संयोजक केएस तोमर ने कहा- कोर्ट ने साफ कर दिया है अंतरिम राहत नहीं सीधे फैसला आएगा। जब-जब बैठक हुई सपाक्स ने जो अपना पक्ष रखा उसे माना नहीं गया। बिना डाटा के प्रमोशन के नए नियम बना दिए गए। नए नियम में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। क्रीमी लेयर में जो आता है उसे प्रमोशन में आरक्षण नहीं मिल सकता है। ये भी साफ नहीं 2025 में जो नियम बने वो कब से लागू होंगे। अब कह रहे हैं 2016 से पदोन्नति दी जाएगी। बिना डाटा के साल 2020 और 2016 का फैसला कर लिया गया।

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कर्मचारियों को लाभ नहीं मिल रहा

प्रमोशन में आरक्षण मामले को लेकर आज मंत्रालय में हुई बैठक पर कांग्रेस की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। पूर्व कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि- सिर्फ मंत्रालय में बैठक चलती रहेगी। बैठक में निर्णय कुछ नहीं होता है। सरकार की नीतियों के कारण कर्मचारियों को लाभ नहीं मिल रहा है।

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