कथावाचक मामले में अब एक और नया मोड़ आया है. बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर टिप्पणी करने वाले अखिलेश यादव ने ब्राह्मण समाज की नाराजगी मोल ले ली है. बागपत के खेड़की गांव में ब्राह्मण समाज ने ‘मिनी महापंचायत’ की. जिसमें ब्राह्मण कथावाचक पर की गई टिप्पणी को लेकर आपत्ति जताई गई. इसके साथ ही विरोध की रणनीति भी बनाई गई है. महापंचायत में तय हुआ कि अब सावन में ब्राह्मण समाज हरिद्वार से कांवड़ लाकर अखिलेश यादव की तस्वीर पर गंगाजल चढ़ाएगा. इसका उद्देश्य उनकी बुद्धि का शुद्धीकरण करना होगा.

इस दौरान मौजूद दांडी स्वामी ने कहा कि अखिलेश लक्ष्मण रेखा लांघ चुके हैं. उन्होंने कहा कि इतिहास में जो भी लक्ष्मण रेखा लांघा है उसका अंजाम बुरा हुआ है. अगर जरूरत पड़ी तो हम संसद के बाहर लाठियां खाने को भी तैयार हैं. हम तो गाय के लिए लाठी खा चुके है. ये तो समाज धर्म की बात है. महापंचायत में ये भी निर्णय लिया गया कि ब्राह्मण समाज आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव का सियासी बहिष्कार करेगा. ऐसे नेता को सीएम नहीं बनाएंगे जो संतों और ब्राह्मणों का सम्मान न करता हो.

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बता दें कि इटावा में कथावाचक विवाद के बाद अखिलेश यादव ने कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण समेत कई कथावाचकों के लिए कहा था कि वे कथा के लिए मोटी फीस लेते हैं. उनकी इस बात पर ब्राह्मण समाज के कई संगठन आपत्ति जता चुके हैं.