तिरुपति। न केवल देश बल्कि दुनिया के सबसे धनाड्य तिरुपति मंदिर की 23 अचल संपत्तियों की नीलामी होगी. तमिलनाडु में स्थित इन संपत्तियों में रियायशी जमीन से लेकर खेतिहर जमीन तक शामिल है. मंदिर का संचालन करने वाली तिरुमला तिरुपति देवास्थानमास (TTD) ने इस संबंध में 29 फरवरी को ही निर्णय ले लिया था, लेकिन इसकी जानकारी अब जाकर सामने आ रही है.
टीटीडी बोर्ड ऑफ ट्रस्टिज ने 29 फरवरी को हुई बैठक में ऐसी 23 अचल संपत्तियों की सार्वजनिक नीलामी का फैसला लिया, जो ट्रस्ट के लिए लाभदायक नहीं है, और जिसे संभालना मुश्किल है. करीबन 1.59 करोड़ मूल्य की इन 23 अचल संपत्तियों की नीलामी को लेकर 30 अप्रैल को टीटीडी के स्टेट आफिसर वी देवेंद्र रेड्डी ने प्रक्रिया शुरू की. लेकिन यह बात अब जाकर सामने आ रही है, जब इसके लिए दो टीमों का गठन कर दिया गया है.
इनमें से एक टीम की अगुवाई टीटीडी के सहायक कार्यकारी अधिकारी (राजस्व) एस उदय भास्कर कर रहे हैं, जिसमें वरिष्ठ सहायक पी मुनेंद्र, सर्वेयर पी मोहन राव और चेनमेन एम बालाजी शामिल हैं. दूसरी टीम की अगुवाई टीटीडी तहसीलदार (प्रापर्टी सेल) जी गौरीशंकर राव कर रहे हैं, जिनके साथ वरिष्ठ सहायक वाय सुब्बारायुडू, सर्वेयर पी हरिनाथ और चेनमेन ई गौरवाह शामिल हैं.
दोनों टीमों को संपत्तियों की नीलामी, सफल निविदाकर्ता का चयन और बिक्री के बाद मिली राशि को टीटीडी के खाते में जमा करने की जिम्मेदारी दी गई है. दोनों ही टीमें जल्द नीलामी की प्रक्रिया टीटीडी स्टेट आफिसर को सौंपेंगी. ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार, मंदिर के लिए अनुपयोगी संपत्तियों की नीलामी कोई नई बात नहीं है. अब दो टीमों को नीलामी की तारीख की घोषणा से पहले संपत्तियों के भौतिक सत्यापन के काम में लगा दिया गया है.
1974 से हो रही है संपत्तियों की बिक्री
तिरुपति मंदिर की संपत्तियों की बिक्री की सूचना सार्वजनिक होने के बाद मचे हल्ले के बीच टीटीडी चेयरमैन वायवी सुब्बा रेड्डी ने स्पष्ट किया है कि 1990 में जारी सरकारी आदेश के मुताबिक ट्रस्ट मंदिर की संपत्तियों को बेचने या लीज पर देने के लिए सक्षम है. यही नहीं मंदिर की अनुपयोगी संपत्तियों को बेचने का क्रम 1974 से चल रहा है. वर्ष 2014 तक ऐसी 129 संपत्तियों की नीलामी की जा चुकी है.
नीलामी से पहले मचा सियासी बवाल
तिरुपति मंदिर की संपत्तियां की नीलामी की खबर से आंध्रप्रदेश में सियासी घमासान छिड़ गया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कन्ना लक्ष्मीनारायणा ने मुख्यमंत्री वायएस जगन मोहन रेड्डी को पत्र लिखकर इस कदम को बहुत विनाशकारी बताते हुए तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है. कन्ना ने कहा कि इससे साफ है कि जगन मोहन रेड्डी की सरकार राज्य में हिन्दू मंदिर की सभी संपत्तियों को बेच डालेगी और हिन्दुत्व को खत्म कर देगी. हमारी पार्टी सरकार को हिन्दू विरोधी कदम नहीं उठाने देगी. यही नहीं टीटीडी के पूर्व सदस्य और टीडीपी के नेता बांडू उमामहेश्वर राव ने सरकार पर तिरुपति मंदिर की संपत्तियों को कम दाम में जगन मोहन के चहेतों को बेचने का आरोप लगाया है.