संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. लोरमी विधानसभा में भाजपा, कांग्रेस और जोगी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद प्रचार प्रसार जोरो पर है. वहीं कांग्रेसियों की बगावत सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रही है. मुंगेली जिले के लोरमी विधानसभा को लेकर यदि हम बात करें तो इस बार लोरमी को हाई प्रोफाइल सीट माना जा रहा है. मतदान को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं,.साथ ही मुंगेली पुलिस के द्वारा कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

बता दें लोरमी विधानसभा में भाजपा के विधायक प्रत्याशी बिलासपुर लोकसभा सांसद और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव हैं. तो कांग्रेस पार्टी से पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू को चुनाव मैदान में उतारा गया है. वहीं मनीष त्रिपाठी JCCJ से चुनाव प्रचार कर रहे हैं. दरअसल लोरमी विधानसभा में वनांचल क्षेत्र के वनग्रामों में धर्मजीत सिंह जो लोरमी से लगातार विधायक रहे हैं और वर्तमान में तखतपुर क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए हैं, इनकी पकड़ वनांचल क्षेत्र के अलावा मैदानी इलाके में रही है. जिसका अब फायदा बीजेपी के प्रत्याशी अरुण साव को मिलेगा.

क्या बिगड़ सकता है समीकरण ?

लोरमी में अभी तक मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच था. लेकिन कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के बगावती सुर अपनाने के बाद अब चुनाव मैदान पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है. हालांकि पार्टियों में बगावती तेवर भी देखने को मिल रहे हैं. भाजपा से कुछ समय से तैयारी कर रहीं नेत्री शीलू साहू और कांग्रेस से भी पिछले कई सालों से लोरमी क्षेत्र में सागर सिंह बैस जो अपनी भूमिका मजबूत करते हुए आ रहे हैं, ऐसे समय में उन्हें चाय से मक्खी की तरह निकाल दिया गया है. अब ये दोनों स्थानीय नेता अपने-अपने दल से इतर, निर्दलीय चुनाव लड़कर बाहरी प्रत्याशी को हराने के लिए लामबंद हो रहे हैं. इसको लेकर लोरमी विधानसभा में सियासत पूरे चरम पर नजर आ रही है.

निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे कांग्रेस जिलाध्यक्ष ?

अरुण साव को लोरमी से टिकट मिलने से ये सीट उनके लिए साहू बाहुल्य क्षेत्र होने के चलते सबसे सुरक्षित मानी जा रही है. वहीं कांग्रेस ने थानेश्वर साहू को चुनावी रण में भेजा है. जिसके बाद अब जिलाध्यक्ष बगावती तेवर में नजर आ रहे हैं. अब इसके चलते खेल बिगड़ सकता है. क्योंकि एक तरफ कांग्रेस प्रत्याशी थानेश्वर साहू के प्रथम नगर आगमन पर कांग्रेसियों ने रैली निकालकर उनका जगह-जगह स्वागत किया और पक्ष में प्रचार प्रसार किया, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सागर सिंह बैस क्षेत्र के दूसरे स्थान पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने अपने समर्थकों से राय लेते हुए नजर आए. ऐसे में कांग्रेस का समीकरण लोरमी विधानसभा में बिगड़ता हुआ दिखाई दे रहा है. हालांकि ये स्थिति आने वाले वक्त में ही स्पष्ट होगी कि टिकट नहीं मिलने से नाराज जिलाध्यक्ष किस पार्टी से या निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान पर नजर आएंगे. जिसका इस चुनाव में कितना असर होता है.

इधर मीडिया के सवाल पर जिलाध्यक्ष सागर सिंह ने जल्द ही कांग्रेस पार्टी के प्राथमिक सदस्यता समेत पद से विधिवत इस्तीफा देते हुए निर्णय लेकर चुनाव लड़ने की बात कही है. इस दौरान सागर सिंह ने कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं पर खुलेआम आरोप लगाते हुए कहा है कि जानकारी के मुताबिक जिस बंद लिफाफे में जिले से लोरमी विधानसभा के लिए जिस प्रत्याशी का नाम ही नहीं भेजा गया है, उस प्रत्याशी को किस आधार पर पार्टी ने अपना कैंडिडेट घोषित किया है. उधर पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष और लोरमी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी थानेश्वर साहू ने कहा कि कोई भी पदाधिकारी यदि पार्टी गाइडलाइन के खिलाफ में काम करेगा, चाहे वो कोई भी व्यक्ति हो, उनके खिलाफ संगठन स्तर पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाएगी.

अब देखना ये है कि किस पार्टी के उम्मीदवार को लोरमी क्षेत्र की जनता का आशीर्वाद और प्यार मिलेगा, किस पार्टी के उम्मीदवार विधायक के रूप में लोरमी सीट से चुनकर आएंगे.

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