बस्तर– बस्तर विधानसभा अनुसुचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट है. इस क्षेत्र में 80 प्रतिशत लोग आदिवासी हैं तो वहीं 20 प्रतिशत लोग सामान्य और पिछड़ा वर्ग से हैं. बस्तर की सीट पर पूरे देश की नज़र रहती है. इस लिहाज से बस्तर विधानसभा क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जाता है. इस सीट पर जनता ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को मौका दिया है. इस बार भी बस्तर की सीट पर कांग्रेस और  बीजेपी की कड़ी टक्कर देखी जा रही है, लेकिन जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के प्रत्याशी सोनसाय कश्यप भी इस सीट पर खेल बिगाड़ सकते हैं. आईए जानते हैं बस्तर सीट की स्थिति-

कौन कौन हैं मैदान में-

कांग्रेस- लखेश्वर बघेल

बीजेपी- डॉ. सुभाऊ कश्यप

आम आदमी पार्टी- जगमोहन बघेल

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी- सोनसाय कश्यप

प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता-

लखेश्वर बघेल- बीए

डॉ सुभाऊ कश्यप- एम.बी.बी.एस

जगमोहन बघेल- बीई अंतिम वर्ष

सोनसाय कश्यप- 12वीं

2013 विधानसभा चुनाव में मिले वोट-

लखेश्वर बघेल- 57,942 वोट

सुभाऊ कश्यप- 37,974 वोट

2018 में क्या हैं जनता के मुद्दे-

  1. पेयजल, सड़क, बिजली का मुद्दा जनता उठा रही है.
  2. बेरोजगारी इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है.
  3. किसानों को सही समय पर बोनस ना मिल पाना.
  4. फ्लोराइड और आयरन युक्त पानी एक गंभीर समस्या है. लगभग 10 ग्राम पंचायत के ग्रामिणों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
  5. स्कूल, कॉलेजों में शिक्षकों की कमी के चलते शिक्षा के स्तर का ग्राफ नीचे है.
  6. मक्का प्रोसेसिंग प्लाांट लगाने की घोषणा पर अब तक अमल नहीं हो सका है.
  7. मनरेगा का काम लगभग ढ़प है.
  8. अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी है.

क्या कहता है चुनावी समीकरण-

बस्तर विधानसभा सीट पर लोगों ने शुरू से ही बीजेपी पर भरोसा जताया है. 2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में जनता ने बीजेपी को ही इस सीट पर जीत दिलाई थी. मंत्री केदार कश्यप का गृह ग्राम बस्तर से लगे भनपुरी में होने की वजह से यहां भाजपा ने जमकर लोगों का विश्वास जीता था. लेकिन 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर अपनी जीत दर्ज की. लखेश्वर बघेल ने कांग्रेस को इस सीट पर जीत दिलाई थी, लिहाजा कांग्रेस ने एक बार फिर से लखेश्वर पर अपना दांव लगाया है. लखेश्वर बघेल की छवि जनता के बीच अच्छी है. हालांकि कुछ निजी कारणों की वजह से लखेश्वर अपने क्षेत्र में ज्यादा एक्टिव नहीं रहे हैं. जिसे लेकर जनता में थोड़ा आक्रोश है बावजूद इसके जनता का स्पोर्ट इस बार भी उन्हे मिलता दिख रहा है. वहीं अगर बीजेपी के सुभाऊ कश्यप की बात करें तो जनता ने जब इन्हे जीत दिलाई थी तो ये जनता से जुड़कर काम नहीं कर सके. जनता का कहना है कि ये सिर्फ वीआईपी दौरे में ही दिखाई देते थे. इस लिहाज से जनता सुभाऊ से नाखुश है.

वहीं जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी ने इस बार सोनसाय कश्यप को टिकट दिया है. गौरतलब है कि सोनसाय बीजेपी के एक कद्दावर नेता रह चुके हैं और जनता के बीच इनकी पकड़ बहुत मौजूद है. साथ ही अपने व्यक्तित्व के चलते सोनसाय कश्यप की लोकप्रियता जनता के बीच अच्छी खासी है. इस लिहाज से अगर देखा जाए तो सोनसाय बीजेपी के लिए भारी पड़ सकते हैं क्योंकि सोनसाय के बीजेपी में भी काफी समर्थक है. जो बीजेपी का वोट काट सकता है.

किसे मिलेगी सत्ता पर जीत और कौन खाएगा मात ये तो चुनावी नतीजें ही बता पाएंगे. फिलहाल यहां भी त्रिकोणीय शंकु बनने के आसार नज़र आ रहे हैं.