लखनऊ. सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर निशाना साधा है. उन्हाेंने सोशल मीडिया एक्स पर खबरो को शेयर करते हुए लिखा कि गोरखपुर की जनता के समर्थन में : जिसका काम उसी को साजे, कोई न थोथा ज्ञान बखारे! प्रदेश के राजनीतिक नियंता अपने को अभियंता न समझें.

अखिलेश यादव ने कहा कि यदि गोरखपुर में जल की निकासी के लिए नाले की ऊंचाई को इंजीनियर सही ठहरा रहे हैं तो उसके पीछे उन अभियंताओं के अपने ठोस तकनीकी तर्क हैं. उनके काम को नकारने और बदलने पर मजबूर करने का मतलब है कि सत्ता के अहंकार में अपने ज्ञान को दूसरे से ऊपर समझना और थोपना. इंजीनियर की जेब से क्या जा रहा है जो वो दो बार समझाएंगे, जो जा रहा है वो तो पब्लिक की ही जेब से जा रहा है, तो फिर शासन-प्रशासन को पैसे की बर्बादी की क्या चिंता. इसका मतलब ये हुआ कि एक बार फिर नया डिज़ाइन बनेगा, नया टेंडर होगा, नये तरीक़े से दुबारा निर्माण (भ्रष्टाचार) होगा… तब तक तो बरसात आ जाएगी मतलब इस बार फिर से बरसात में गोरखपुर में बाढ़ के हालात बन सकते हैं और नावें भी चलेंगी. इसलिए आग्रह है कि इस बार बरसात से पहले गोरखपुर की जनता को नाव चलाने व तैरना सिखाने के लिए माननीय मुफ़्त प्रशिक्षण शिविर की भी व्यवस्था करें, जिससे वीवीआईपी निर्वाचन क्षेत्र ‘गोरखपुर’ की जनता को पिछले सालों की तरह बारिश और बाढ़ की घातक त्रासदी न झेलनी पड़े.

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सपा प्रमुख ने कहा कि दरअसल सरकारी खर्चे से पुनर्निर्माण दुबारा भ्रष्टाचार करने का भाजपाई तरीक़ा है और जनता के टैक्स के पैसे की खुली लूट भी. अगर ये निर्माण गलत था तो इसके लिए या तो प्रशासन ज़िम्मेदार है या शासन, तो फिर भाजपा सरकार ये बताए कि वो इस नुक़सान का ख़ामियाज़ा भरने के लिए किसके घर पर बुलडोज़र चलाएगी और किससे वसूली करेगी? नहीं चाहिए भाजपा.

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