मुजफ्फरपुर। जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित हजरतबल दरगाह में राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ को तोड़े जाने के बाद बिहार में सियासत गरमा गई है। भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस घटनाक्रम पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे राष्ट्र के प्रतीक का अपमान करार दिया और कार्रवाई की मांग की है।
शाहनवाज हुसैन का बयान
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हजरतबल में राष्ट्रीय चिन्ह को तोड़ना किसी भी नजरिए से सही नहीं है। यह देश के प्रतीकों का अपमान है और ऐसा किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय चिन्ह का अपमान करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। हुसैन ने यह भी कहा कि इस मामले में 25 लोग हिरासत में हैं लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
सम्राट चौधरी ने कही ये बात
वहीं सोमवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस मुद्दे पर राजद और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि इन दलों का रवैया इस घटना को मामूली मानने जैसा है जो बिल्कुल गलत है। महागठबंधन के लोग इसे हलके में ले रहे हैं लेकिन यह राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है और इसे कभी भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चौधरी ने कहा कि सम्राट अशोक के योगदान को याद करते हुए कहा कि अशोक स्तंभ न केवल भारत का प्रतीक है बल्कि यह मगध की गौरवमयी इतिहास का प्रतीक भी है। ऐसे प्रतीकों का अपमान करना देश के इतिहास और संस्कृति का अपमान है।
गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग
सम्राट चौधरी ने कांग्रेस राजद और वामपंथी दलों से सवाल किया कि क्या वे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात करेंगे? उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग राष्ट्रीय चिन्ह का विरोध करते हैं वे राष्ट्रद्रोही हैं और उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा था कि देश की एकता और अखंडता के खिलाफ किसी भी प्रकार की गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
राजद और कांग्रेस का रवैया
बिहार में इस विवाद को लेकर राजद और कांग्रेस के नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है लेकिन भाजपा नेताओं के आरोपों के बाद उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया आना बाकी है। महागठबंधन के नेताओं पर आरोप है कि वे इस गंभीर मुद्दे को हल्के में ले रहे हैं और इसे राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने का प्रयास कर रहे हैं।
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