हमीरपुर. हमीरपुर में रंगों को लेकर आज एक बार फिर राजनीति गर्म हुई है. यहां एक प्रधान अध्यापक ने विद्यालय को हरे रंग से रंगवा दिया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया है और स्कूल का रंग सफेद किए जाने की मांग की है. इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि प्रधान अध्यापक की गलती से ऐसा हो गया है. विद्यालय का रंग बदलवाया जा रहा है.

नवीन प्राथमिक विद्यालय को हरे रंग से रंगवाने का यह मामला सरीला तहसील क्षेत्र में भेडी डांडा गांव का है. यहां दो साल से विद्यालय की पुताई नहीं कराई गई थी, लेकिन इस साल जब प्रधान अध्यापक ब्रजेश गौतम ने पुताई कराई तो उसे हरे रंग में पुतवा दिया. विद्यालय को हरे रंग में पुता देख कर स्थानीय लोगों ने विरोध दर्ज कराया और कहा कि स्कूल को स्कूल रहने दिया जाए उसे मदरसा ना बनाया जाए. विद्यालय का कलर सफेद होना चाहिए. गोलू द्विवेदी और छोटू मिश्रा का कहना है कि यह विद्यालय है, यहां सभी बिरादरी के बच्चे आते हैं, इसलिए इसको सफेद रंग का होना चाहिए.

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भेडी डांडा गांव में नवीन प्राथमिक विद्यालय को किन परिस्थितियों में हरा रंगवाया गया है. इस पर बेसिक शिक्षा अधिकारी कल्पना जैसवाल का कहना है कि दो साल से विद्यालय की पुताई नहीं कराई गई थी. प्रधान अध्यापक की गलती से इस साल इसे हरा पुतवा दिया गया है. विद्यालय का रंग बदलवाने के लिए कह दिया गया है.

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