वैभव बेमेतरिहा,रायपुर। राजधानी रायपुर में आज राष्ट्रीय स्तर पर यादव संझा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि और वक्ता के तौर पर उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव होंगे. इसके साथ ही केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री हंसराज अहीर, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव सहित कई विधायक और सांसद के साथ यादव समाज के राष्ट्रीय और प्रादेशिक प्रतिनिधि शामिल हो रहें है. अग्रसेन धाम में आयोजित यादव संझा कार्यक्रम में समाज की हर पहलुओं पर बातचीत होगी. लेकिन यादव संझा के बहाने एक तरह से यह एक पॉलिटिक्स एजेंडा भी होगा.
चुंकि छत्तीसगढ़ में 2018 में विधानसभा चुनाव है. लिहाजा यादव समाज की ओर से यह मांग उठती रही है कि सरकार में उनकी भागीदारी प्रमुखता से हो. 2008 में भाजपा से एकमात्र विधायक यादव समाज के पूर्व मंत्री हेमचंद यादव ही थे. लेकिन उसके बाद फिलहाल कोई भी विधायक सत्ता के ना तो मुख्य केन्द्र में है और ना विपक्ष के मुख्य धड़ा में. ऐसे में इस यादव संझा कार्यक्रम के जरिए यादव समाज की ओर से अपनी ताकत भी दिखाई जाएगी.
जहां तक बात कार्यक्रम में बतौर मुख्य चेहरा और वक्ता के तौर पर समाजवादी पार्टी से आने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की है तो उनके भाषण पर भी राजनीतिक दलों की नजरें भी रहेंगी. क्योंकि छत्तीसगढ़ के भीतर सपा भी अपनी ज़मीन तलाश रही है. ऐसे में चुनाव के 1 साल पूर्व राजधानी के भीतर में एक बड़ेम कार्यक्रम में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री का शिरकत कर यादवों को संबोधित करना भी अहम है. जाहिर तौर पर उनके भाषणों में यूपी और बिहार के भीतर यादवों की राजनीतिक सत्ता का जिक्र होगा. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम के जरिए अपना राजनीतिक विजन में यादवों की भूमिका को रखेंगे.
वैसे इसे भी जानना जरूरी है कि छत्तीसगढ़ में 52 फीसदी वोट पिछड़ा वर्ग का है. जिसमें साहू, कुर्मी समाज के बाद यादव समाज का भी एक बड़ा वोट बैंक है. यादव समाज छत्तीसगढ़ की राजनीति को प्रभावित करने की ताकत भी रखती है. लिहाजा यादव संझा के जरिए तमाम यादव समाज के प्रमुख राजनेतनाओं को एक ही मंच पर इक्कठा कर उस ताकत को भी दिखाया जा रहा है, जो फिलहाल प्रदेश की राजनीति में दिखती नहीं है.