कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की शहादत पर आयोजित महानाट्य ‘खूब लड़ी मर्दानी’ की स्क्रिप्ट पर जमकर सियासत हो रही है। सिंधिया परिवार और रानी लक्ष्मीबाई के बीच एक ऐतिहासिक घटना इतिहास के पन्नों से बाहर निकल महानाट्य के रूप में प्रस्तुत की जाती रही है। लेकिन इस बार महानाट्य की स्क्रिप्ट में बदलाव के साथ ही वीरांगना के जीवन पर चित्रित प्रदर्शनी से सिंधिया से जुड़ा विवादित हिस्सा हटा दिया गया। यही वजह है कि कांग्रेस, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी पर जुबानी हमला बोल रही है, वही भाजपा भी कांग्रेस को तीखा पलटवार कर रही है।

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क्यों लगा रही कांग्रेस आरोप

1857 क्रान्ती की अलख जगाने वाली वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की शहादत 18 जून 1858 को ग्वालियर के कोटे की सराय के पास हुई थी। उस दौरान से लगातार तत्कालीन सिंधिया राजपरिवार के महाराज पर रानी के साथ गद्दारी का आरोप लगता रहा है, लेकिन अब सिंधिया राजपरिवार के वर्तमान महाराज और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कांग्रेस जुबानी हमला बोल रही हैं। कांग्रेस ऐसा इसलिए कह रही है क्योंकि सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता ‘बुंदेले हर बोलो के मुंह हमने सुनी कहानी थी’ कविता पर आधारित महानाट्य की स्क्रिप्ट से सिंधिया परिवार पर लगने वाले आरोप का विवादित हिस्सा ही हटा दिया गया है। ताकि उसका मंचन न हो सके इसके साथ ही प्रदर्शनी से भी तारीख वार रानी के जन्म से लेकर शहीद होने तक के बीच से गद्दारी के आरोप वाला हिस्सा हटा दिया गया है। जिसके चलते वीरांगना बलिदान मेला पर आयोजित महानाट्य अब सियासत का मुद्दा बन गया है।

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नहीं हैं कोई सबूत

वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के साथ साधु संतों ने भी अपने जीवन की आहुति दी थी। उसी गंगादास की बड़ी शाला के महंत रामसेवक दास महाराज भी मानते हैं कि तत्कालीन सिंधिया राज परिवार पर वीरांगना के साथ गद्दारी का आरोप लगा था। लेकिन इसका कोई तथ्य प्रमाण आज तक पेश नहीं किया गया है। यही वजह है कि इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता है।

कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

वही इस मामले पर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ राम पांडे ने सिंधिया परिवार के साथ बीजेपी पर जमकर हमला बोल रही है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ राम पांडे का कहना है कि वीरांगना के बलिदान को पूरा देश नमन करता है, लेकिन अब राजनीति इतनी ज्यादा हावी हो चुकी है कि अब नाटक के स्क्रिप्ट में भी बदलाव कर दिया गया है। क्योंकि अब सिंधिया परिवार के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। यही वजह है कि अब सुभद्रा कुमारी चौहान की जो कविता पढ़कर मंचन होता था उसे ही बदल दिया गया है।

बीजेपी ने किया पलटवार

बीजेपी भी अब कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार कर रही है, बीजेपी के वरिष्ठ नेता रामेश्वर भदोरिया का कहना है कि इन आरोपों पर खुद केंद्रीय मंत्री और सिंधिया रियासत के महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया माकूल जवाब कांग्रेस पार्टी को दे चुके हैं। कांग्रेस पार्टी को वीरांगना की शहादत पर सियासत करने की जगह सभी लोगों के साथ खड़े होकर उन्हें नमन करना चाहिए।

गौरतलब है कि, बलिदान मेला के महानाट्य की स्क्रिप्ट पर एक ओर जमकर सियासत हो रही है तो वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर पहुंचे थे। और उन्हें नमन किया था। इसके साथ ही उन्होंने अपने महल जयविलास पैलेस की मराठा स्वराज गैलरी में भी वीरांगना को स्थान दिया है। ऐसे में अब चर्चा सिर्फ गद्दारी के आरोपों के तथ्य से जुड़ी है, जिस पर कोई आगे नहीं आ रहा।

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