राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग (Madhya Pradesh Child Rights Protection Commission) प्रदेश में संचालित हो रहे मदरसों को मिलने वाली फंड की जांच के आदेश दिए हैं। आयोग के आदेश के बाद मदरसों (madarasa) की जांच पर MP की पॉलिटिक्स गर्म हो गई है। कांग्रेस ने सरस्वती शिशु मंदिरों (Saraswati Shishu Mandir) को भी मिलने वाले फंड की जांच की मांग की है। कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने कहा कि जानकारी सार्वजनिक हो। भेदभाव और राजनीति के लिए जांच ना हो। वहीं कांग्रेस की मांग पर बीजेपी ने करारा निशाना साधा है। बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने कहा कि बॉर्डर एरिया में मदरसों से हथियार मिले हैं। आतंकवादी गतिविधियों से संलिप्तता पाई गई है। शिशु मंदिरों में राष्ट्रभक्त पैदा होते हैं न कि आतंकवादी।

एमपी में मदरसों को मिलने वाले फंड की होगी जांच: बाल आयोग ने मदरसा बोर्ड को लिखा पत्र, कहा- एक सप्ताह के भीतर दें जवाब
कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष अब्बास हफीज (Congress Media Vice President Abbas Hafeez) ने कहा कि सरकरा मदरसों की जांच करें। लेकिन सरस्वती शिशु मंदिरों की भी जांच होनी चाहिए। बाल आयोग को हर शिक्षण संस्थान की जानकारी लेनी चाहिए। किसको कौन फंडिंग कर रहा है। जानकारी सार्वजनिक हो। भेदभाव और राजनीति के लिए जांच ना हो।

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कांग्रेस की मांग पर बीजेपी मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर (BJP media in-charge Lokendra Parashar) ने कड़ी प्रतिक्रिय़ा देते हुए कहा कि बॉर्डर एरिया में मदरसों से हथियार मिले हैं। आतंकवादी गतिविधियों से संलिप्तता पाई गई है। कुछ मदरसे ऐसे पाए गए हैं जो सरकारी अनुदान नहीं लेते। सरकारी पाठ्यक्रम लागू न करना पड़े इसलिए अनुदान नहीं लेते है। सरस्वती शिशु मंदिर को कांग्रेसी नहीं समझ सकते। शिशु मंदिरों में राष्ट्रभक्त पैदा होते हैं। राष्ट्रभक्तों से कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं।

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प्रदेश में कई मदरसे अवैध रूप से संचालित

बता दें कि मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की जांच में प्रदेश में कई मदरसे अवैध रूप से संचालित पाए गए हैं। इसके बाद मदरसों को मिलने वाली फंड की जांच की बात आयोग ने कही है। इसके लिए आयोग ने बाल आयोग ने एमपी मदरसा बोर्ड को पत्र लिखा है। बाल आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने कहा है कि जानकारी आने के बाद मदरसों के फंड की जांच कराई जाएगी। मामले में एनआईए (NIA) की कार्रवाई के बाद बाल आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के अनुसार प्रदेश में 7 हजार रजिस्टर्ड मदरसे हैं।़

प्रदेश में सिर्फ 2200 मदरसों को मान्यता

बता दें कि वर्तमान में प्रदेश मे 7000 से अधिक मदरसा रजिस्टर्ड है। प्रदेश में 2200 मदरसों को ही मान्यता प्राप्त है। इनमें से 1198 को अनुदान दिया जा रहा है। पहले अनुदान प्राप्त मदरसों में 1578 मदरसे शामिल थे। 1578 मदरसों को अनुदान दिए जाने वाली सूची भी 4 साल बाद फरवरी 2022 में अपडेट की गई है।

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