राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई में हेडगेवार, दीनदयाल उपाध्याय को शामिल किए जाने पर कांग्रेस ने सरकार हमला बोल दिया है. कांग्रेस नेता जमकर बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव समेत कई नेताओं ने सरकार के इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
अरुण यादव ने किया पलटवार
कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री अरुण यादव ने बीजेपी पर तंज कसते हुए एक ट्वीट किया है. अरुण यादव ने कहा है कि अकेले हेडगेवार, दीनदयाल ही क्यों? मैं तो भाजपा सरकार से बोलता हूं कि सावरकर और गोडसे के बारे में भी बच्चों को पढ़ाएं, जिससे पता चले कि सावरकर ने कितनी बार अंग्रेजों को माफीनामे लिखे और गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की हत्या की.
अकेले हेडगेवार, दीनदयाल ही क्यों ?
मैं तो भाजपा सरकार से बोलता हूँ कि सावरकर और गोडसे के बारे में भी बच्चों को पढ़ाएं जिससे पता चले कि सावरकर ने कितनी बार अंग्रेजों को माफीनामे लिखे और गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की हत्या की । pic.twitter.com/k4T9spG8MD— Arun Subhash Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) September 5, 2021
कमलनाथ ने जताई नाराजगी
कमलनाथ ने सरकार के इस फैसले पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा शुरू से ही अपनी विचारधारा और अपने खास एजेंडे को लोगों पर थोपने का काम करती रहती है. चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या अन्य क्षेत्र हो. अब मध्यप्रदेश में एमबीबीएस के छात्रों को जनसंघ व आरएसएस के संस्थापकों के विचार पढ़ाये जाएंगे. उन्होंने कहा कि देश के स्वर्णिम इतिहास में कोई योगदान नहीं है, लेकिन भाजपा जानबूझकर इतिहास को तोड़ने मरोड़ने का, अपने लोगों को महिमामंडित करने का और अपनी विचारधारा को थोपने का काम करती रहती है और यह भी उसी एजेंडे का हिस्सा है.
पूरा देश जानता है कि भाजपा के लोगों का आजादी के संघर्ष से लेकर, देश के स्वर्णिम इतिहास में कोई योगदान नहीं है लेकिन भाजपा जानबूझकर इतिहास को तोड़ने मरोड़ने का ,अपने लोगों को महिमामंडित करने का और अपनी विचारधारा को थोपने का काम करती रहती है और यह भी उसी एजेंडे का हिस्सा है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 5, 2021
सरकार के फैसले पर सज्जन वर्मा उठाए सवाल
पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरएसएस की विचारधारा बच्चों पर थोपी जा रही है. मेडिकल स्टूडेंट खुद आपके खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे. उन्होंने कहा कि देश की आजादी में आरएसएस का इतिहाल कलंकित है. अगर सरकार को पढ़ाना है तो इतिहास की किताबों में पढ़ाएं, ना की एमबीबीएस की किताबों में. पहले ही व्यापम घोटाले में बच्चों का जीवन बर्बाद कर दिया और अब एक और फैसला लिया जा रहा है.
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व्यापस जैसा प्रयोग: गुप्ता
कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने भी पलटवार किया है. भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि एमबीबीएस के पाठ्यक्रम में संघ के नेताओं की जीवनी पढ़ाना व्यापम जैसा प्रयोग है. भारत की चिकित्सा शिक्षा की प्रतिष्ठा इससे प्रभावित होगी. मंत्री महोदय पाठ्यक्रम में अपना लेक्चर भी शामिल करवा लें. इससे उच्च स्तरीय डाक्टर बनाने में भाजपा का योगदान अमर रहेगा. अभी तक मप्र ने बिना परीक्षा दिए डाक्टर बनाने का रिकार्ड बनाया, फिर एक व्यक्ति परीक्षा दे तो दूसरा डाक्टर बनाने का रिकार्ड बनाया. अब नेताओं की जीवनी पढ़कर डाक्टर बनाने का अभिनव प्रयोग हो रहा है.
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क्या है पूरा मामला
बता दें कि शिवराज सरकार ने इस सत्र से मेडिकल के छात्रों को आरएसएस के संस्थापक हेडगेवार और दीनदयाल उपाध्याय के बारे में पढ़ाने का निर्णय किया है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि मेडिकल छात्रों के फाउंडेशन कोर्स में इसे इसी सत्र से बतौर लेक्चर जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि इन दोनों विचारकों के अलावा स्वामी विवेकानंद, भीमराव अंबेडकर, महर्षि चरक और आचार्य सुश्रुत को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. जिन्होंने आज़ादी में भी हिस्सा लिया, उनके बारे में पढ़ाया जाएगा.
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