Bihar Politics: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बीते 21 जुलाई की रात अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अगले ही दिन, 22 जुलाई को स्वीकार कर लिया। इस तरह वे अब आधिकारिक रूप से पदमुक्त हो गए हैं। जल्द ही इसकी राजपत्र अधिसूचना भी जारी कर दी जाएगी।
इस्तीफे के पीछे उन्होंने अपने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया। जगदीप धनखड़ का कार्यकाल अभी 2027 तक था, ऐसे में समय से पहले उनका अचनाक इस्तीफा देना कई सवाल खड़े कर रहा है, खासकर चुनावी माहौल के बीच बिहार की सियासत में इस घटनाक्रम को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
‘नीतीश उपराष्ट्रपति बन जाएं तो अच्छा’
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि, नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बन जाएं तो बहुत अच्छा है।
बचौल ने आज मंगलवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे. इस दौरान जब उनसे पूछा गया किया कि नीतीश कुमार को क्या उपराष्ट्रपति बनाने वाले हैं क्या? इस पर उन्होंने कहा कि, “ये हमारे बस की बात नहीं है. अगर बन जाएं तो बहुत अच्छा होगा बिहार के लिए… सौभाग्य की बात होगी.” दरअसल हरिभूषण ठाकुर बचौल मॉनसून सत्र में भाग लेने के लिए विधानसभा पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अपनी यह राय रखी।
वहीं, दूसरी ओर विपक्ष ने भी कहना शुरू कर दिया है कि नीतीश कुमार को साइड करने के लिए बीजेपी ने उपराष्ट्रपति से इस्तीफा दिलवाया है। बीजेपी नीतीश कुमार को बिहार से साइड करना चाहती है। वह उनके नाम पर चुनाव तो लड़ना चाहती है, लेकिन उन्हें सीएम नहीं बनाना चाहती है।
‘अगला इस्तीफा नीतीश कुमार का होगा’
राजद विधायक मुकेश रोशन ने कहा कि, बिहार में बीजेपी चुनाव तक अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। आगे भी सरकार बनने पर अपना सीएम बनाएगी। उन्होंने कहा कि, अगला इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का होगा। बीजेपी जदयू को खत्म करने में लगी है। नीतीश कुमार के करीबी नेताओं को बीजेपी ने अपने पाले में कर लिया है। खेला शुरू हो गया है।
‘नीतीश ही बनेंगे बिहार के सीएम’
मुकेश रोशन के इस दावे पर जदयू की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है। जदयू मंत्री मदन सहनी ने कहा कि, नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति नहीं बनेंगे। बिहार के सीएम हैं। आगे भी रहेंगे। आरजेडी झूठा मनगढ़ंत दावा कर रही है। एनडीए में किसी के साथ जबरदस्ती नहीं किया जाता।
मदन सहनी ने कहा कि, जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है। जबरन नहीं हटाए गए हैं। उनके इस्तीफा को नीतीश कुमार से न जोड़ा जाए। वहीं मॉनसून सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान को वापस लेने की मांग पर उन्होंने कहा कि, SIR को लेकर विपक्ष जनता को गुमराह कर रहा है। यह अभियान वोटर लिस्ट की शुद्धता निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए है। नाम वैसे लोगों का मतदाता सूची पर कट रहा है, जो घुसपैठिए हैं, जिनकी मृत्यु हो गई, जो बिहार से बाहर चले गए।
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