हेमंत शर्मा, इंदौर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के “दुकानों पर मालिक के नाम का बोर्ड लगाने” के फैसले को लेकर चल रहे विवाद में इंदौर के भाजपा विधायक रमेश मेंदोला ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने प्रियंका गांधी के ट्वीट का जवाब देते हुए उनके कार्यालय के बाहर लगे नाम के बोर्ड की तस्वीर साझा की और कई सवाल उठाए।

प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट में योगी सरकार के इस फैसले को संविधान विरोधी और भेदभाव बढ़ाने वाला बताया था। उन्होंने लिखा था कि दुकानों के आगे नाम का बोर्ड लगाने का फैसला गलत है और इससे समाज में भेदभाव बढ़ेगा। इसके जवाब में विधायक रमेश मेंदोला ने प्रियंका गांधी के ऑफिस के बाहर लगे उनके नाम के बोर्ड की तस्वीर साझा करते हुए पूछा कि अगर नाम पूछने, बताने और नाम का बोर्ड लगाने से आपको आपत्ति है, तो आपने अपने कार्यालय के बाहर नाम का बोर्ड क्यों लगाया है? 

मेंदोला ने अपने ट्वीट में लिखा, “प्रियंका गांधीजी, आपको नाम पूछने, बताने और नाम का बोर्ड लगाने से इतनी आपत्ति है, तो आपने कांग्रेस कार्यालय में अपने कक्ष के बाहर अपना नाम का बोर्ड क्यों लगा रखा है? यदि नाम का बोर्ड लगाना भेदभाव है, तो यह तो आप खुद कर रही हैं।” उन्होंने आगे लिखा, “अगर कोई किसी को नहीं जानता और उसने उस व्यक्ति से नाम पूछ लिया तो इससे भेदभाव होगा या जान पहचान होगी? वैसे, किसी से उसका नाम पूछना भेदभाव कब से हो गया? कॉमन सेंस नाम की कोई चीज कांग्रेस में बची है या नहीं?”

मेंदोला ने यह भी कहा कि संविधान हर व्यक्ति को बतौर ग्राहक यह जानने का अधिकार देता है कि वह जिससे कोई सामान खरीद रहा है, उसका नाम, पता, और मोबाइल नंबर क्या है। अगर कोई व्यक्ति अपना नाम और पहचान छुपाकर कोई काम कर रहा है, तो इसका मतलब यह है कि उसकी दाढ़ी में तिनका है। यह कानून और नैतिकता दोनों के खिलाफ है। 

अंत में, मेंदोला ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “आप लोग हर बात में संविधान को मत लाया कीजिए, आपातकाल लगाकर संविधान का गला घोंटने का पाप आपकी दादीजी इंदिरा फिरोज जहांगीर गांधी ने ही किया था।” इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस पर क्या प्रतिक्रिया  सामने आती हैं।

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