रायपुर। सिलगेर में कैंप के विरोध में जुटे ग्रामीणों की गोलीबारी में हुई मौत को लेकर सियासत तेज हो गई है. कांग्रेस के जांच समिति गठित किए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यहां निर्णय मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को लेना है. बाकी लोग टाइम पास के लिए जा रहे. वहीं मंत्री रविंद्र चौबे ने समिति सदस्यों के सिलगेर के स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर जोर दिया.

सिलगेर की घटना के बाद से भाजपा गाहे-बगाहे कांग्रेस सरकार और पार्टी को घेर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बयान के बाद भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने भी कांग्रेस की घटना को लेकर गठित जांच समिति पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार ने सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है. वहीं भूपेश सरकार ने ही दंडाधिकारी जांच का आदेश दिया है. इससे सरकार की स्थिति का अंदाज़ा लगा सकते हैं.

पार्टी की समिति का क्या औचित्य

उन्होंने सवाल किया कि जब दंडाधिकारी जांच की घोषणा हुई तो पार्टी की समिति बनाने का क्या औचित्य था? वहीं पार्टी की समिति बनी तो ऐसे में पार्टी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इसकी घोषणा क्यूँ नहीं की? यह मुख्यमंत्री की ओर से घोषित नहीं की जानी थी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को सिलगेर जाना चाहिए था. संवेदनहीन सरकार है. आदिवासियों का दर्द सरकार महसूस नहीं कर पा रही है.

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स्थानीय लोगों से बात करेगी समिति

वहीं सिलगेर मामले में कैबिनेट मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल स्थानीय लोगों से बात करने सिलगेर जाएगा. उन इलाकों में सड़क बनाना, विकास करना आवश्यक है. जनप्रतिनिधि बीच का रास्ता निकालेंगे. इसके अलावा क्या ग्रामीणों की मौत हुई है या संघम सदस्यों की मौत हुई है ? यह जाँच का विषय है.

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