राकेश चतुर्वेदी, भोपाल/मंडला। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के पदचिह्नों पर शिवराज सरकार ( Shivraj Government) भी चलने लगी है। उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्यप्रदेश में भी नाम बदलने की सियासत तेज (Politics of name change intensified in Madhya Pradesh) हो गई है। राजधानी भोपाल के हबीबगंज स्टेशन का नाम रानी कमलापति करने के बाद शिवराज सरकार प्रदेश के कई और जगहों से लेकर स्वास्थ्य केंद्र, एजुकेशन सेंटर से लेकर बस स्टेंड का नाम भी बदलने जा रही है। जनजातीय गौरव सप्ताह (janajaateey gaurav saptaah) के समापन कार्यक्रम में मंडला पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने इसकी घोषणा की।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने क्रांतिकारी टंट्या भील (Revolutionary Tantya Bhil) के नाम से प्रदेश के कई जगहों स्वास्थ्य केंद्र, बस स्टैंड का नाम करने का एलान किया। सीएम ने कहा कि मंडला स्वास्थ्य केंद्र, बस स्टैंड और और मोहनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अब टंट्या भील के नाम से जाना जाएगा। वहीं इंदौर के भवर कुआं चौराहे का नाम भी बदलकर टंट्या भील चौराहा किया जाएगा।
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इंदौर के एमआर 10 स्थित निर्माणाधीन बस स्टैंड का नाम भी ‘टंट्या मामा बस स्टैंड’ होगा। पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम भी टंट्या मामा स्टेशन होगा। मंडला के कंप्यूटर कौशल केंद्र और पुस्तकालय का नाम भी बदलकर टंट्या भील के नाम राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर होगा।
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मंडला पॉलिटेक्निक कॉलेज रानी फूल कुवर के नाम से जाना जाएगा
वहीं मंडला पॉलिटेक्निक कॉलेज अब रानी फूल कुवर (Rani Phool Kuwar) के नाम से जाना जाएगा। मंडला में मेडिकल कॉलेज खुलेगा, जिसका नाम राजा हृदय शाह मेडिकल काॅलेज (Raja Hriday Shah Medical College) होगा। सीएम ने कहा कि 4 दिसंबर को टंटया भील का बलिदान दिवस मनाया जाएगा।
कौन थे टंट्या भील
टंट्या भील का जन्म 1840 के क़रीब मध्य प्रदेश के खंडवा में हुआ था। टंट्या भील का असली नाम ‘टण्ड्रा भील’ था। वो एक ऐसे योद्धा थे जिसकी वीरता को देखते हुए अंग्रेज़ों ने उन्हें ‘इंडियन रॉबिन हुड’ नाम दिया था। देश की आजादी के जननायक और आदिवासियों के हीरो टंट्या भील की वीरता और अदम्य साहस से प्रभावित होकर तात्या टोपे ने उन्हें ‘गुरिल्ला युद्ध’ में पारंगत बनाया था।
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