कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में जर्जर सड़कों का डामरीकरण (मरम्मत) नहीं होने तक चप्पल-जूते त्यागने का संकल्प लेने वाले मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर का चप्पल पहने हुए फोटो वायरल हो रहा है। फोटो वायरल होने के बाद वे विपक्षी (विरोधी) दलों के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। उनके चप्पल को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। विरोधी दलों की ओर से टिप्पणी के बाद मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है।

मंत्री तोमर बोले कि वैसे तो यह जरूरी नहीं की हर बात का जबाब दिया जाए, लेकिन भारतीय संस्कृति भी कुछ है। शौचालय के अंदर जब लोग जाते हैं तब स्लीपर पहनी जाती है, तब वह स्लीपर उन्होंने पहनी थी। उसके बाद भी रूम में मेंने चप्पल पहनी थी, यह बात में स्वीकार करता हूं। लेकिन मैं यह भी बताना चाहूंगा कि मैंने संकल्प सड़कों पर चप्पल ना पहनने का लिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि कभी किसी ने मुझे सड़क पर चप्पल पहने हुए देखा है क्या? मैंने जो संकल्प लिया है मैं उसे पूरा करने में विश्वास रखता हूं।

मुझे जनता की पीड़ा का एहसास होना चाहिए, उस एहसास को मैं महसूस भी कर रहा हूं। उस दर्द का समाधान भी सड़कों पर हो रहा है। क्या मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर को टारगेट करते हुए चप्पल पहने फोटो वायरल किया गया, इस सवाल पर बोले- व्यक्ति विशेष को लेकर मैं कुछ नहीं कहूंगा। हमेशा अच्छे कामों में ऐसी तस्वीरें सामने नजर आती हैं। खासकर जब कोई दूसरा अच्छा काम ना कर पाए, संघर्ष ना कर पाए तो वह दूसरों के लिए टिप्पणी जरूर करेगा। जो लोग मेरी चप्पल पहनी हुई तस्वीर पर टिप्पणी कर रहे हैं मैं उनका स्वागत करता हूं। जैसी जिसकी भावना वह स्वीकार करता हूं।

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