अजय शर्मा,भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा शुरू होने से पहले कांग्रेस के पूर्व मंत्री व विधायक जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार करने का ऐलान किया था. जिसके बाद सदन में खूब गहमा गहमी का माहौल था. पटवारी को कांग्रेस और कमलनाथ का भी साथ नहीं मिला था. अब कांग्रेस प्रवक्ता सैय्यद जफर ने ट्वीट कर नरोत्तम मिश्रा पर कुछ सवाल उठाए हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता सैय्यद जफर ने ट्वीट कर कहा कि 16 मार्च 2020 को मध्यप्रदेश की विधानसभा में नरोत्तम मिश्रा ने संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया था. राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर आपत्ति ली थी. नरोत्तम मिश्रा की आपत्ति रोका टोकी के कारण राज्यपाल ने 36 पेज के अभिभाषण को 1 मिनट में समाप्त किया था.
क्या 16 मार्च 2020 को तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन ने संसदीय परंपराओं का उल्लंघन नहीं किया था ? क्या उस दिन वर्तमान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने संसदीय परंपराओं का उल्लंघन नहीं किया था ? क्या वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उस दिन संसदीय परंपराओं के उल्लंघन के साथी नहीं बने थे?
सबका साथ सबका विकास दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राजनीति करने वाले का नाम कमलनाथ है. धन्यवाद कमलनाथ जी जो आपने मध्यप्रदेश की विधानसभा में संसदीय परंपरा को बनाए रखने के लिए भाजपा नेताओं की तरह राज्यपाल के अभिभाषण पर कोई रोक-टोक नहीं की और मध्यप्रदेश विधानसभा में संसदीय परंपरा को बनाए रखने मे नई मिसाल कायम की. धन्यवाद मुख्यमंत्री और गृह मंत्री जी जो आपने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के इस सहयोग के लिए सदन में धन्यवाद दिया.
लेकिन एक बड़ा सवाल ये है कि संसदीय परंपरा को बनाए रखने की दुहाई देने वाले शिवराज सिंह उस दिन कहां थे जब विधायक नरोत्तम मिश्रा ने राजपाल स्वर्गीय लालजी टंडन के आसंदी पर पहुंचते ही राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पढ़ने पर आपत्ति ली थी. जिस पर राज्यपाल ने 36 पेज के अभिभाषण की पहली लाइन व अंतिम पैराग्राफ ही पड़ा था. 16 मार्च 2020 को भाजपा नेताओं ने संसदीय परंपराओं की दुहाई क्यों नहीं दी गई ?
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