भोपाल. मध्यप्रदेश में कोरोना का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के विभिन्न जिलों में भयावह स्थिति हो गई है. कोरोना से लोग रोज मर रहे हैं, वहीं नेताओं में कोरोना को लेकर सियासत जारी है. सरकार ने जहां स्वयंसेवी संगठनों से कोविड सेंटर चलाने मदद मांगा है, वहीं विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सत्ताधारी भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस के अब्बास हफीज ने मध्यप्रदेश में बेकाबू कोरोना संक्रमण रोकने में असफल राज्य की भाजपा सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. इसी तरह कांग्रेस के प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग से इस्तीफे की मांग की है.

कांग्रेस के अब्बास हफीज ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में बताया है कि प्रदेश में कोरोना बेकाबू है और सरकार दमोह उपचुनाव में व्यस्त है. प्रदेश सरकार के मुखिया कभी दमोह तो कभी बंगाल में प्रचार करते दिख रहे है. चिकित्सा, शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी पश्चिम बंगाल के दौरों पर जा रहे है. इसी तरह स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी दमोह में व्यस्त हैं. ऐसे हालात में सरकार का बने रहना उचित नहीं है. उन्होंने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है.

मंत्री दमोह में वोट मांग रहे और जनता ऑक्सीजन व दवाई
कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री या तो अस्पतालों में जायें या इस्तीफा दें. प्रदेश के अस्पतालों के भयावह दृश्य आठ करोड़ जनता को दहला रहे हैं. उसी समय स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी दमोह में जनता से वोट मांग रहे हैं. जनता उनसे ऑक्सीजन और दवाई मांग रही हैं. उन्होंने कटाक्ष किया है कि उनकी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना या खरीदी हुई एक सीट बचाना है? उन्होंने सवाल उठाया है कि जब रात में ही जवाबदेही के लिए स्वास्थ्य कमिश्नर बदला जा सकता है, तो त्रासदी में जनता को मरने के लिये छोड़ देने वाले अनुत्तरदायी मंत्री क्यों नहीं?

कोरोना के आगे सरकार बेबस
कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने अब समाजसेवी संगठनों से सहयोग मांगा है. सरकार ने समाज सेवी संगठनों से कोविड सेंटर चलाने की अपील की है. गैर लक्षण वाले पॉजिटिव मरीज जो घर में नहीं रहना चाहते ऐसे मरीज कोविड-सेंटर में भर्ती हो सकते हैं. इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जल्द ही सामाजिक संगठनों से बातचीत करेंगे. बता दें कि इसी कड़ी में सरकार निजी अस्पतालों को सरकारी भवनों में हॉस्पिटल खोलने का ऑफर दे चुकी है.