शिखिल ब्यौहार, भोपाल. गरीब, राशन और अनाज को लेकर बंगाल में शुरू हुई सियासी घमासान की धमक मध्यप्रदेश तक आ पहुंची. दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी राशन, अनाज समेत दुकानों पर बीजेपी के लोगो और नेताओं के फोटो का विरोध किया. साथ ही चुनावी सभा को संबोधित करते हुए यह तक कहा कि मैं मर जाउंगी, पर इसे नहीं खाउंगी. हालांकि कुछ देर बाद अपने बयान से भी पटल गई. उधर, ममता के सुर में कांग्रेस ने सुर मिलाए है.

कांग्रेस नेता कुणाल चौधरी ने कहा कि सत्ता के मद में चूर बीजेपी हर हथकंडों का उपयोग कर रही है. सरकारी तंत्र और जनता के पैसे पर चलने वाली योजना पर अपना प्रचार करना गलत है. मध्यप्रदेश में भी अनाज, किराना समेत अन्य सरकारी योजना के तहत मिलने वाली सामग्री के नाम पर आचार संहिता का दुरुपयोग किया जा रहा है.

कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भी बीजेपी के दबाव में काम कर रहा है. आयोग में तमाम शिकायतों के बाद भी सच को सच और झूठ को झूठ कहने की हिम्मत नहीं होती. चुनाव आयोग भी प्रदेश में दर्शक की भूमिका में दिखाई दे रहा है. सरकार लोकतंत्र का चीर हरण कर रही है. लोकतंत्र को बचाने के बजाए अलोकतांत्रिक गतिविधियों में लिप्त है.

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कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही गरीबों के राशन और सरकारी योजनाओं से मिलने वाले लाभ का विरोध करती है. इस बार भी मोदी के आड़ में गरीबों के राशन-अनाज पर कांग्रेस का निशाना है. कांग्रेस ने गरीबी हटाओ के नारे पर गरीबों को हटाने का काम किया था. सालों तक देश में राज करने वाली कांग्रेस ने गरीबों के लिए इसलिए कुछ नहीं किया क्योंकि यह हमेशा से ही इस वर्ग पर राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं. रही बात ममता बनर्जी की तो उन्होंने अपने इस बयान पर माफी भी मांगी. लेकिन, कांग्रेस राजनीति कर रही है.

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