शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती-2023  फर्जीवाड़े मामले को लेकर अब सियासत शुरू हो गई है। मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय में आईजी लॉ एंड आर्डर अंशुमान सिंह ने प्रेस वार्ता की। साथ ही 22 उम्मीदवारों पर एफआईआर की बात कही। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि मामले को लेकर एसआईटी या सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है। उधर, कांग्रेस ने पुलिस महकमे की कार्रवाई के साथ सरकार की कवायद पर सवाल खड़े किए हैं। 

कांग्रेस ने पुलिस को ही घेरा 

कांग्रेस प्रदेश महामंत्री अमित शर्मा ने कहा कि इस भर्ती फर्जीवाड़े में एक बात साफ है कि पुलिस ही चोर है। बड़ी बात यह कि पुलिस ही चोर सिपाही का खेल खेल रही है। प्रदेश में ऐसी कोई भर्ती नहीं जिसमें धांधली को अंजाम न दिया गया हो। यह मामला गंभीर है क्योंकि मामले में कई वरिष्ठ और माननीयों की भूमिका उजागर हो सकती है। यदि मामले की गंभीरता से जांच की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश का पुलिस महकमा इस मामले में दोषियों को बचाने का काम करेगा। ऐसे में सीबीआई के साथ एसआईटी का गठन कर जांच होनी चाहिए। 

सरकार की इच्छाशक्ति पर कांग्रेस को प्रश्न नहीं उठाना चाहिए- बीजेपी 

कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश में मोहन सरकार का राज है। जो जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है। यह मामला भी सरकार की तत्परता से ही मामले पर तत्काल एक्शन हो रहा है। सरकार की इच्छाशक्ति पर कांग्रेस को प्रश्न नहीं उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जांच को प्रभावित करने के लिए ऐसे बयान दे रही है। यदि कांग्रेस के पास प्रमाण है तो राज्य की जांच एजेंसियों को दें, इस पर तुरंत संज्ञान भी लिया जाएगा। जब कार्रवाई न हो तो सीबीआई या एसआईटी की मांग करें। यह सर्व स्वीकार भी होगा। लेकिन, सिर्फ आरोप लगाकर राजनीतिक रोटियां सेंकना अब कांग्रेस की सियासत का दूसरा पर्याय बन चुका है। यादव ने कहा कि ऐसी फिजूल बयानी से कांग्रेस को किनारा करना चाहिए।

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