शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। इस पर अब सियासत शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इसे लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा हैं। उन्होंने आरक्षित भर्ती की सीबीआई जांच की मांग भी की है। वहीं बीजेपी विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि जो भी मुन्ना भाई है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा- ‘मुख्यमंत्री जी के विभाग में ही हो रहा घोटाला! MP पुलिस भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। असली उम्मीदवारों की जगह सॉल्वर ने दी परीक्षा। जांच में फोटो, सिग्नेचर, हैंडराइटिंग और फिंगरप्रिंट मेल नहीं खा रहे, फर्जी आधार कार्ड के ज़रिए 7411 पदों की भर्ती में खुला खेल जारी है। मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती में रोज नए खुलासे हो रहें हैं।’

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कौन हैं असली गुनहगार ?

उन्होंने लिखा- ‘हर दिन इस खुलासे में नई कड़ियां जुड़ रही है देश के अलग-अलग राज्य बिहार-छत्तीसगढ़ तक इसके तार जुड़े हैं। घोटाला सामने आए 2 दिन हो चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री जी अपने ही विभाग के घोटाले पर कोई जवाब देने को तैयार नहीं है मुख्यमंत्री जी को जवाब देना चाहिए– कौन हैं असली गुनहगार? यह ‘भर्ती माफिया’ किसके संरक्षण में फल-फूल रहा है?’

सिंघार ने आगे कहा कि ‘भाजपा सरकार में एक के बाद एक घोटाले व्यापमं, नर्सिंग, परिवहन, पटवारी बिजली विभाग घोटाला और अब नया कांस्टेबल घोटाला प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ बार-बार खिलवाड़ किया गया है। भ्रष्टाचार की जड़े अब खुद सरकार के भीतर तक गहराई तक फैली हुई है। भर्ती प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए और पूरी परीक्षा रद्द कर निष्पक्ष रूप से दोबारा करवाई जाए । इसके साथ ही पूरे मामले की CBI जांच हो, ताकि असली दोषियों को सज़ा मिले।’

बीजेपी बोली- बख्शे नहीं जाएंगे

वहीं बीजेपी विधायक व महामंत्री भगवानदास सबनानी ने कहा कि जो भी मुन्ना भाई है, कोई भी बख्शे नहीं जाएंगे। डॉ मोहन यादव जी की सरकार है, परत दर परत उनके नाम और चेहरे सामने आते जा रहे हैं। ऐसे लोग जिन्होंने मध्य प्रदेश के चेहरे को दूषित करने का काम किया है, उनके खिलाफ सरकार काम कर रही है, मुख्यमंत्री कम कर रहे हैं। कोई भी ऐसा व्यक्ति जो इसमें इनवॉल्व है चाहे वह कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।

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पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा

दरअसल, पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। आधार कार्ड अपडेट करवाकर असली कैंडिडेट की जगह सॉल्वर ने परीक्षा दी थी। इस मामले में 19 अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जानकारी के मुताबिक, चयनित अभ्यर्थियों के कैरेक्टर वेरिफिकेशन में खुलासा हुआ कि 19 आरक्षकों ने असली कैंडिडेट की जगह सॉल्वर से परीक्षा दिलवाई थी। इन अभ्यर्थियों ने परीक्षा के पहले और जॉइनिंग के पहले आधार कार्ड अपडेट करवाया था, जिससे सॉल्वर पकड़े नहीं गए।

कैसे हुआ खुलासा ? इतने पदों पर हुई थी भर्ती

पुलिस मुख्यालय की चयन एवं भर्ती शाखा ने कैरेक्टर वेरिफिकेशन में आधार कार्ड का वेरिफिकेशन शामिल किया था। इसमें पाया गया कि इन अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट और फोटो में भिन्नता थी और फोटो हल्की ब्लर भी थी। आपको बता दें कि साल 2023 में 7411 पदों पर आरक्षक भर्ती परीक्षा हुई थी। व्यापम की तर्ज पर असली कैंडिडेट्स ने सॉल्वर से परीक्षा दिलवाई। फर्जीवाड़ा करने वाले 19 आरक्षकों पर अलग अलग जिलों में FIR दर्ज की गई है।

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