रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर सियासी टकराव चल रहा है. कांग्रेस ने जहाँ खरीदी प्रभावित होने के लिए केंद्र सरकार के रवैय्ये को जिम्मेदार ठहराया है, तो छत्तीसगढ़ भाजपा ने इस मामले में पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कृषि रविन्द्र चौबे को आड़े हाथों लिया है.
नेता-प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिश ने बयान जारी कहा है कि धान खरीदी के मामले में मुख्यमंत्री बघेल और कृषि मंत्री चौबे झूठ बोलकर किसानों को धोखा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पिछले साल अनुमति मिलने के बावजूद 28 लाख मीटरिक टन चावल एफसीआई में जमा नहीं कराया. जब से कांग्रेस सत्ता में आयी है तब से ही उसकी मंशा स्पष्ट व सही नहीं है. जब भी किसानों के धान की ख़रीदी की बात आती है तो केवल भ्रम फैलाकर प्रदेश की सरकार अपनी ज़िम्मेदारियों से बचने की कोशिश करती है. प्रदेश सरकार की बदनीयती और कुनीतियों के चलते आज पूरे प्रदेश में धान खरीदी बंद हो रही है. प्रदेश सरकार के पास बहानों और बयानों का ही सहारा है.
कौशिक ने कहा कि अभी भी एफसीआई के गोदाम में 06 लाख मीटरिक टन चावल रखने के लिए ज़गह खाली है, किंतु इस सरकार ने आने वाले समय का रोना शुरू कर दिया है. प्रदेश सरकार का इस मामले में केंद्र सरकार पर मदद नहीं करने का आरोप लगाना मिथ्या प्रलाप है. प्रदेश सरकार ने धान ख़रीदी का काम ही एक माह विलंब से शुरू किया है, उसके चलते इसमें जो बात सामने आ रही है, सोसाइटियों को जाम करके रखा गया है और यह कहना कि सोसाइटियों में ज़गह नहीं है, किसानों का धान नहीं ख़रीदी जा रहा है.
कौशिक ने कहा कि अभी भी सोसाइटियों में रखे धान की कस्टम मिलिंग शुरू करके सोसाइटियों को खाली रखे और धान ख़रीदी का काम जारी रखे, क्योंकि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में 25 सौ रुपए में धान ख़रीदने का वादा किया था तो अब सरकार की साँस क्यों फूलने लगी है? उन्होंने कहा कि धान खरीदी को लेकर पूर्व में ही पुख़्ता इंतज़ाम कर लिए जाने चाहिए थे, लेकिन सरकार ने तैयारी के नाम पर कुछ भी नहीं किया. प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय एक नवम्बर से धान खरीदी शुरू हो जाती थी. धान नहीं खरीदने से किसानों को काफी आर्थिक नुकसान होगा. भाजपा प्रदेश सरकार के इस रवैए की निंदा करती है. किसानों के हितों को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार को धान खरीदी जारी रखनी चाहिये.