दिल्ली/भोपाल। अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है, इसे लेकर देशभर के लोगों में जहां उत्साह का माहौल है। वहीं इस बीच राजनीति भी जोरों पर है। कांग्रेस के राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के निमंत्रण को अस्वीकार करने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है। सीएम ने कहा कि “बड़े दुर्भाग्य की बात है, उन्होंने पहले राम मंदिर में अड़ंगे लगाए और अब प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अपमान करके देश के बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। कांग्रेस को इसके लिए माफी मांगना चाहिए।
विजयवर्गीय ने भी साधा निशाना
वहीं कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “कांग्रेस ने श्री राम को श्रद्धा की दृष्टि से कभी नहीं देखा, उन्होंने कहा ये काल्पनिक हैं, इसलिए उनके लिए भगवान राम आस्था का केंद्र नहीं हैं। यह देश की जनभावनाओं का अपमान है और जनता आगामी चुनाव में इसका जवाब देगी।”
कांग्रेस ने अस्वीकार किया न्योता
बता दें कि कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने का न्योता अस्वीकार कर दिया है। पार्टी की तरफ से बयान जारी किया गया है, इसमें कहा गया है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है। 22 जनवरी को होने वाले इस कार्यक्रम में सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस का कोई भी नेता अयोध्या नहीं जाएगा।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि बीजेपी और आरएसएस के नेताओं द्वारा अधूरे मंदिर का उद्घाटन स्पष्ट रूप से चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है। 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए और भगवान राम का सम्मान करने वाले लाखों लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट रूप से आरएसएस/बीजेपी के कार्यक्रम के निमंत्रण को सम्मानपूर्वक अस्वीकार कर दिया है।
22 जनवरी को होनी है रामलला मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा
बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होनी है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में शामिल होंगे। ऐसे में केंद्र से लेकर राज्य सरकार के अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त हैं। अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा से एक हफ्ते पहले धार्मिक कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मेहमानों को न्योते भेजे जा रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों ने बेहद सधे अंदाज में अतिथियों की लिस्ट तैयार की है. मेहमानों की सूची में करीब 150 समुदायों से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है।
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