महाराष्ट्र में आरक्षण को लेकर सियासत फिर से तेज होती जा रही है. मराठाओं की मांग माने जाने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग नाराज हो गए हैं. मराठा आरक्षण पर राज्य सरकार के जीआर के खिलाफ ओबीसी समाज आक्रामक हो गया है और आज बुधवार को कई जिलों में प्रदर्शन भी किया गया है.
देवेंद्र फडणवीस सरकार की ओर से मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटील की मांग मानकर कल मंगलवार को जारी किए गए शासनादेश (जीआर) के विरोध में राज्यभर में ओबीसी समाज आक्रामक दिख रहा है. ओबीसी समाज का आरोप है कि सरकार मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की कोशिश कर रही है, जिससे उनके आरक्षण हक पर संकट आ सकता है.
‘… तो हम सड़कों पर उतरेंगे और आंदोलन करेंगे’
वहीं ओबीसी नेता प्रकाश शेंडगे ने कहा कि छगन भुजबल के नेतृत्व में आज ओबीसी के तमाम नेताओं की बैठक हुई जहां हमने तय किया कि पूरे महाराष्ट्र में हम इसका विरोध करेंगे क्योंकि यह ओबीसी समाज के खिलाफ है. मराठों को आरक्षण देना है तो 50% ओबीसी समाज के आरक्षण को बिना ठेस पहुंचाए दीजिए. अगर हैदराबाद गजेटियर के आधार पर इस समाज को अगर आरक्षण दिया गया तो हम सड़कों पर उतरेंगे और उग्र आंदोलन करेंगे.
उन्होंने आगे कहा, सरकार मनोज जरंगे के आगे ना झुके. मराठा समाज को ऐसे भी हर जगह आरक्षण दे दिया गया है, चाहे वह एसबीसी आरक्षण हो या फिर जनरल कोटा में, उनको लाभ मिलता रहा है. ईडब्ल्यूएस के तहत भी आरक्षण मिला हुआ है. फिर अलग से जो मांग की जा रही है वह पूरी तरह से गैरकानूनी है और असंवैधानिक भी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई थी और उनकी मांग को असंवैधानिक करार दे दिया था.
जालना जिले में विरोध प्रदर्शन
महाराष्ट्र के जालना जिले में ओबीसी समाज के कार्यकर्ताओं ने सरकार द्वारा जारी किए गए जीआर को फाड़कर पांव तले रौंद दिया और शासन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इसी तरह इगतपुरी तालुका में समता परिषद, बारा बलुतेदार संघ और सकल ओबीसी बांधवों की ओर से तहसीलदार को जीआर को लेकर ज्ञापन सौंपा गया.
इसके जरिए यह स्पष्ट किया गया है कि बहुसंख्यक मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण न देकर स्वतंत्र रूप से आरक्षण दिया जाए. साथ ही ओबीसी समाज ने यह चेतावनी भी दी है कि यदि आरक्षण में घुसपैठ नहीं रोकी गई तो राज्य में तीव्र आंदोलन छेड़ा जाएगा. इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि ओबीसी आरक्षण सामाजिक न्याय की लड़ाई का परिणाम है और इसमें किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं होगा.
गोंदिया जिले में जलाई गईं जीआर की प्रतियां
गोंदिया जिले में ओबीसी संगठनों ने सरकार द्वारा जारी जीआर की प्रतियां जलाई गईं. जिलाधिकारी कार्यालय के सामने जीआर की होली कर ओबीसी समाज ने शासन को अपना विरोध जताया.
बीड में भी समता परिषद और ओबीसी संगठनों ने जीआर की प्रतियां जलाई गईं. ओबीसी समाज ने हैदराबाद गजट लागू करने के फैसले को रद्द करने की मांग की. जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में जमकर नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं ने जीआर की होली कर विरोध जताया.
ओबीसी समाज का आरोप
ओबीसी समाज का कहना है कि सरकार मराठा समाज को ओबीसी वर्ग में शामिल करके अन्याय कर रहे हैं. उन्होंने साफ कहा कि आरक्षण हक पर किसी भी प्रकार का आघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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