शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री अब खुद अपना आयकर यानी इनकम टैक्स भरेंगे। मंगलवार को सीएम मोहन यादव ने इस बड़े फैसले का ऐलान किया है। वहीं इस पर कांग्रेस का बयान भी सामने आया है। कांग्रेस ने कहा कि सरकार की पहल का स्वागत है, लेकिन खाने के दांत और दिखाने के दांत में अंतर है। 

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता स्वदेश शर्मा ने कहा कि सरकार की इस पहल का हम स्वागत करते है। लेकिन खाने के दांत और दिखाने के दांतों में अंतर होता है। उन्होंने कहा कि मंत्रियों की नई गाड़ियां, सुख सुविधा, ऐसो आराम पर लगाम नहीं है। पहले से बने हुए बंगलों में रिनोवेशन के नाम पर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। ये सरकार दिखाई कुछ और करती कुछ और है। कांग्रेस की मंत्रियों से मांग है कि वेतन भत्ते भी ना ले। इस बचत से सरकार लाडली बहनों को प्रति माह तीन हजार रुपए देकर अपनी घोषणाओं को पूरा करें। 

बचत के पैसों का विकास में होगा उपयोग- बीजेपी

वहीं कांग्रेस के बयान पर बीजेपी ने भी पलटवार किया है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता सतेंद्र जैन ने कहा कि यह सरकार का  सराहनीय कदम है। बचत के पैसों का विकास में उपयोग होगा। उन्होंने अन्य राज्यों को भी  मध्य प्रदेश से प्रेरणा लेने की बात कही। साथ ही जैन ने आरोप लगाते हुए कहा कि 15 माह की कांग्रेस सरकार में मंत्रियों के सुख सुविधाओं पर भरपूर खर्च हुआ था। 40 करोड़ देने के बाद भी आईफा अधूरा रह गया। 

52 साल बाद बदला फैसला 

बता दें कि साल 1972 में मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार द्वारा भरने का नियम बना था। अब 52 साल बाद मोहन सरकार ने इसको बदल दिया है। आज कैबिनेट में सभी मंत्रियों की सहमति से यह फैसला लिया गया। कैबिनेट बैठक पर मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा, “आज कई ऐसे फैसले लिए गए जिनका राज्य में दीर्घकालिक प्रभाव होगा। सभी मंत्री अपना आयकर खर्च वहन करेंगे। राज्य यह खर्च वहन नहीं करेगा। 

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