राकेश चतुर्वेदी,भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के फैसले को लेकर एक सियासत जारी है। इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस सत्ताधारी बीजेपी पर हमलावर है। इस मामले को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीटर में कहा है कि कांग्रेस हमेशा से ही ओबीसी वर्ग की हितैषी पार्टी रही है। हमने सदैव ही इस वर्ग के हित व कल्याण के लिये लड़ाई लड़ी है। इस वर्ग के हित में कांग्रेस की सरकारों ने कई जनहितैषी निर्णय लिये है। हमारी सरकार ने ही 8 मार्च 2019 को नौकरियों में ओबीसी वर्ग के आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था।
जब सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने का निर्णय लिया था, तब भी हमने चिंता जताते हुए सरकार से मांग की थी कि सरकार इस निर्णय को लेकर पुनर्विचार याचिका न्यायालय में लगाये। बगैर ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में पंचायत चुनाव ना हो। सरकार की चुप्पी पर भी हमने सवाल उठाये थे। हमने विधायक दल की बैठक में भी यह प्रस्ताव पारित किया था।
हमने आज सदन में भी कांग्रेस पार्टी की ओर से रखे स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से भी यही बात रखी और सरकार से फिर आग्रह किया कि इस निर्णय को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट जाये। हम सरकार के साथ खड़े है और बगैर ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में पंचायत चुनाव ना हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
कांग्रेस हमेशा से ही ओबीसी वर्ग की हितैषी पार्टी रही है , हमने सदैव ही इस वर्ग के हित व कल्याण के लिये लड़ाई लड़ी है , इस वर्ग के हित में कांग्रेस की सरकारों ने कई जनहितैषी निर्णय लिये है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) December 21, 2021
आखिरकार सरकार ने हमारी मांग मानी और अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया है। हमें पूरी उम्मीद व विश्वास है कि अब प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव होंगे। इस वर्ग के साथ न्याय होगा। यह ओबीसी वर्ग की जीत है। उनके संघर्ष की जीत है। इसका पूरा श्रेय मैं ओबीसी वर्ग को देना चाहता हूं। साथ ही मंै सरकार को हमारी यह मांग मानने के लिये धन्यवाद भी देता हूं। वैसे भी यह विषय राजनीति का नही था, लेकिन जानबूझकर झूठ परोसकर इसे राजनीति का विषय बनाया जा रहा था, लेकिन आज सच की जीत हुई है।
कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट के माध्यम से इसे सरकार की हार और कांग्रेस की जीत निरुपित किया है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा है कि एकबार फिर यह साबित हो गया कि कांग्रेस ही ओबीसी वर्ग की सबसे बड़ी हितैषी है।
प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सीएम कमलनाथ की मांग के आगे शिवराज सरकार को झुकना पड़ा। आखिरकार सरकार ने अपनी गलती स्वीकारी और अब सरकार कह रही है कि ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव होंगे, सरकार सुप्रीम कोर्ट जायेगी।
कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री केके मिश्रा ने भी इस मामले को लेकर ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि अभूतपूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के दबाव, कुशल रणनीति के आगे आखिरकार झुकी शिवराज सरकार। सीएम शिवराज ने सदन में कहा- पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के आधार पर ही होंगे, सरकार एससी जाएगी! ओबीसी विरोधियों अब 57 त्न आबादी के समक्ष करना पड़ा “आत्मसमर्पण” धन्यवाद कमलनाथ जी।
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